केन्द्र ने आसाराम के खिलाफ जोधपुर की एक अदालत से कल फैसला सुनाए जाने से पूर्व राजस्थान, गुजरात और हरियाणा को सुरक्षा कड़ी करने और अतिरिक्त बल तैनात करने को कहा है। उधर जोधपुर में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है और निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक संदेश जारी कर तीनों राज्यों से सुरक्षा मजबूत करने को कहा है। साथ ही यह सुनिश्चित करने को भी कहा गया है कि अदालत के आदेश के बाद कोई हिंसा नहीं फैले।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि तीनों राज्यों से संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त बल तैनात करने के लिए कहा गया है। इन तीन राज्यों में बड़ी संख्या में लोग आसाराम के भक्त हैं। गृह मंत्रालय का यह परामर्श डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार के जुर्म में सजा सुनाए जाने के बाद हरियाणा, पंजाब तथा चंडीगढ़ में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के मद्देनजर भेजा गया है। जोधपुर की अदालत मामले में कल फैसला सुनाने वाली है।
राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक निचली अदालत मामले के सिलसिले में जोधपुर सेन्ट्रल जेल परिसर में अपना फैसला सुनाएगी। कानून और व्यवस्था के लिए आसाराम के अनुयायियों को खतरा मानते हुए जोधपुर पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू कर दी है। डीजीआई (जेल) विक्रम सिंह ने बताया, ”हमने फैसला सुनाये जाने के दिन के लिए सभी प्रबंध किए हैं। जेल परिसर में अदालत कक्ष में अदालत के कर्मचारियों सहित मजिस्ट्रेट, आसाराम और सह आरोपी, बचाव एवं अभियोजन पक्ष के वकील मौजूद रहेंगे।”
आसाराम पर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक नाबालिग से बलात्कार करने का आरोप है। यह लड़की मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी। पीड़िता का आरोप है कि आसाराम ने जोधपुर के निकट मनई आश्रम में उसे बुलाया था और 15 अगस्त 2013 को उसके साथ दुष्कर्म किया था।
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पीड़िता के घर पर भी दो पुलिसकर्मियों की ड्यूटी बढ़ा दी गयी है। शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक के. बी.सिंह ने बताया कि पीड़िता के घर के बाहर सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जा रही है। आसाराम के शाहजहांपुर स्थित रुद्रपुर आश्रम पर भी नजरें रखी जा रही हैं।
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