जयपुर : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आज कहा कि विद्यार्थियों को डिग्री के दौरान ही योजनाओं, पंचायतों और नगर निगमों आदि से जुड़ना चाहिये, ताकि उनकी नई सोच और ज्ञान का फायदा देश-प्रदेश को आगे बढ़ने में मिले। नायडू शनिवार को मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जयपुर के 12वें दीक्षान्त समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए हमारे देश में अनंत संभावनाएं हैं। वे अपने विवेक से ऐसा मार्ग चुनें जो ना केवल उनके करियर को नई रूंचाइयों पर ले जाए बल्कि मानवता के कल्याण की राह भी प्रशस्त करे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा का महत्व तभी है, जब वह विद्यार्थी में सही-गलत और नैतिक व अनैतिक के बीच का अन्तर समझ सकने का विवेक पैदा करे। उन्होंने कहा कि हम विश्व में कहीं भी रहें, हमें अपनी मातृ भाषा, सभ्यता और संस्कृति को हमेशा याद रखना चाहिये।उन्होंने कहा कि दीक्षान्त समारोह किसी संस्थान और उसके विद्यार्थियों के लिए एक महथवपूर्ण मील का पत्थर है, लेकिन यह शिक्षा का अंतिम पड़व नहीं है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि यह याद रखें कि शिक्षा में कोई पूर्ण विराम नहीं होता, इसीलिये अपने ज्ञान को सदैव अद्यतन करते रहना चाहिये। नायडू ने कहा कि भारत रत्न मदन मोहन मालवीय महान स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद, थे, सत्य के प्रति उनकी निष्ठा हम सब के लिए प्रेरणा का स्रोत रही है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपने ज्ञान को वैश्विक स्तर तक ले जाएं, तभी वे ग्लोबल लीडर बन पाएंगे। उन्होंने कहा कि ज्ञान ही शक्ति है, जिससे हम अपने जीवन, समाज और देश में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवा देश की गौरवशाली परंपरा के उथराधिकारी हैं, उन्हें अपने इतिहास से सीखना चाहिये। उन्होंने इस अवसर पर छात्र- छात्राओं को 35 स्वर्ण पदक एवं 57 डॉक्टरेट, 687 बैचलर एवं 354 मास्टर डिग्री प्रदान की। नायडू ने विद्याधर नगर स्थित पूर्व उप राष्ट्रपति स्व भैरोसिंह शेखावत के स्मारक पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पहले उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के जयपुर पहुंचने पर मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने जयपुर हवाई अड्डे पर पुष्पगुच्छ भेंट करके उनका स्वागत किया।
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