अजय सिंह किलक ने आज कहा कि राजस्थान में सहकारी संस्थाओं के संचालक मंडल सदस्यों के इलेक्शन में न्यूनतम शैक्षणिक योज्ञता निर्धारित करने के बाद अब इन संस्थाओं के इलेक्शन नए नियमों के मुताबिक कराए जाएगे।
राजस्थान के सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने बताया कि राजस्थान देश का पहला प्रदेश है, जिसने सहकारी समितियों के इलेक्शन में शैक्षणिक योज्ञता का प्रावधान किया है। इसके लिए कल 10 july को राजस्थान सहकारी सोसायटी नियम, 2003 में आवश्यक संशोधन कर दिए गए हैं।
वही उन्होंने ये भी कहा कि अब संचालक मण्डल के सदस्यों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योज्ञता अनिवार्य होगी, ताकि सहकारिता क्षेत्र में शिक्षा का लाभ मिल सके तथा उनका प्रबंधन दक्ष हाथों में सौंपा जा सके। उन्होंने कहा कि नियमों में संशोधन से राज्य की लगभग 10 हजार सोसायटियों को लाभ मिलेगा।
राजस्थान के सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने कहा कि प्राथमिक डेयरी सोसायटियों, बुनकर सोसायटियों तथा महिलाओं की सोसायटियों के संचालक मण्डल में सदस्य चुने जाने के लिए पांचवी कक्षा पास होने की न्यूनतम शैक्षणिक योज्ञता निर्धारित की है। जबकि प्राथमिक कृषि साख सोसायटियों, फार्मिंग सोसायटियों, कंज्यूमर सोसायटियों, गृह निर्माण सहकारी सोसायटियों, अरबन बैंक, प्राथमिक भूमि विकास बैंक, क्रेडिट सोसायटियों, सैलेरी अर्नर्स सोसायटियों, सहकारी यूनियन या सभी केन्द्रीय या अपेक्स कोऑपरेटिव सोसायटियों के लिए आठवी कक्षा पास होने की योज्ञता निर्धारित की है।
उन्होंने कहा कि नियमों में विशिष्ट वर्गों की सोसायटियों का निर्वाचन राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण के स्तर से करवाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि शेष सोसायटियां अपने स्तर से संस्था की साधारण सभा में संचालक मण्डल का निर्वाचन करवा सकेंगी।