राजस्थान में भरतपुर जिले के मेवात क्षेत्र में रहने वाले एक अल्पसंख्यक परिवार को अपनी मासूम बेटी को पढ़ा-लिखा कर अफसर बनाने के लिए गांव से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा।
इस मजबूरी के लिए कोई और नहीड्ड परिवार के सगे-संबंधी ही जिम्मेदार है। परिवार ने अब पुलिस को अपनी फरियाद सुनाकर मदद की गुजारिश की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जुरहरा थाना इलाके के लाड़लाका गांव में रहने वाले जमाल की दो पुत्रियां में से बड़ी बेटी वनीसा की शादी कई साल पहले अलवर जिले के रामगढ़ क्षेत्र के खोह बांधोली निवासी मोहब्बत के साथ हुई तभी से वनीसा पर उसकी छोटी बहन की शादी उसके देवर से कराने का दबाव बनाया जा रहा हैं।
इसी बात को लेकर वनीसा को ससुराल वाले परेशान भी करते हैं। पढ़ने-लिखने में होशियार छोटी बेटी अनीशा खान अपनी बहन के देवर से शादी करने की इच्छुक नहीं है और वह पढ़ लिख कर अफसर बनना चाहती है।
बच्ची के सपने पूरे करने की मुहीम में उसका पिता पूरी तरह से सहयोग दे रहा है। पता चला है कि जब रिश्तेदारों का दबाव हद से बाहर हो गया तो यह परिवार पलायन कर भरतपुर शहर आ गया और यहां गुब्बारे बेचकर अपना पेट पालने के साथ अनीशा की पढ़ाई करने की तमन्ना को भी पूरा करने का जतन कर रहा है।