लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

आवासीय शिविरों पर मंत्री खामोश, शिक्षक मुखर

NULL

अजमेर : प्रदेश भर में 15 मई से आयोजित किए जाने वाले तृतीय श्रेणी अध्यापकों के लिए आवासीय प्रशिक्षण शिविरों का विरोध जोरों पर है। इस मामले में शिक्षा राज्यमंत्री खामोश है, वहीं शिक्षकों का विरोध निरन्तर बढ़ता जा रहा है। आए दिन शिक्षक संघ शिक्षा सचिव के नाम ज्ञापन देकर इन शिविरों का विरोध प्रकट कर रहे हैं, वहीं मंत्री देवनानी के नाम पर विरोध के स्वर ठंडे पड़े हुए हैं। इस स्थिति में यह कहना मुश्किल है कि यह प्रशासन की ज्यादती है या सरकार की हठधर्मिता है।

प्रदेश भर में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी विभिन्न श्रेणी के शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। पहले यह शिविर गैर आवासीय हुआ करते थे तथा जिनका समय भी प्रतिदिन महज दो से तीन घंटे हुआ करता था, लेकिन इस बार इन प्रशिक्षण शिविरों को पूर्णत: आवासीय कर दिया गया है। द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के लिए शिविर 11 मई से शुरू हो चुके हैं। जबकि तृतीय श्रेणी शिक्षकों के ब्लॉक वार शिविर 15 मई से आयोजित किए जा रहे हैं, जो लगभग 18 जून तक पूर्ण होंगे। इन शिविरों में ब्लॉक स्तर पर ही शिक्षकों को रहना होगा। यह शिविर पहली बार पूर्णत: आवासीय किए गए हैं। इन शिविरों में मास्टर ट्रेनर की ओर से अध्यापक वृंद को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह प्रशिक्षण प्रत्येक शिक्षकों के लिए अनिवार्य होगा, जिसकी समयावधि 6 दिन रखी गई है।

इन आवासीय शिविरों को लेकर विभिन्न शिक्षक संगठनों का विरोध जारी है। शिक्षक संगठन का तर्क है कि जहां 45 से 50 डिग्री सेल्सियस की स्थिति में विद्यालयों का समय कम कर दिया गया है, वहीं शिक्षकों के लिए अपने निवास से लगभग 40 से 50 किलोमीटर दूर इन आवासीय शिविरों का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। इनकी मांग है कि प्रशिक्षण प्रदान किया जाए, लेकिन यह गैर आवासीय होने चाहिए। प्रशिक्षण स्थल पर महिला एवं पुरूष शिक्षक दोनों को ही 24 घंटे उपस्थित रहना होगा। ऐसी स्थिति में वहां न तो पर्याप्त सुविधाएं हैं और न ही इतना लंबा प्रशिक्षण अधिगम स्तर को सुदृढ़ बनाने में सफल हो सकता है। क्योंकि अधिगम स्तर में महत्वपूर्ण योगदान वातावरण का भी होता है।

प्रशिक्षण शिविरों को लेकर विगत डेढ़ माह से शिक्षक संगठन लामबंद है, लेकिन इस पर तीन दिन शेष रह जाने तक सरकार की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए हैं। शिक्षक संगठन शिक्षा सचिव नरेश पाल गंगवार का पुतला फूंक रहे हैं। यहां तक कि गत दिनों अजमेर कलेक्ट्रेट के बाहर गंगवार की हठधर्मिता को देखते हुए शिक्षक संघ ने उनकी नाग के रूप में भी पूजा कर डाली। वहीं स्थानीय विधायक व शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी के खिलाफ शिक्षक संघ भी खामोश है। ऐसी स्थिति में यह मुद्दा सामने आता है कि प्रशासन की शिक्षकों के खिलाफ सख्ती हैं या सरकार की। शिक्षक संगठनों ने इन शिविरों को पूर्ण रूप से बहिष्कार करने का भी निर्णय लिया गया है, लेकिन अभी तक शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी की ओर से कोई भी बयान जारी नहीं किया गया है। इस सम्बन्ध मेंं शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी का दूरभाष पर पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन फोन रिसिव नहीं किया गया।

– नेमीचंद तम्बोली

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

16 − 7 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।