राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा है कि प्रदेश की जनता ने उपचुनावों में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दोनों की नीतियों को नकार दिया है, जनता न पीएम से संतुष्ट है और न सीएम से।
विधानसभा बजट सत्र से एक दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्री डूडी ने कहा कि राजस्थान के दो लोकसभा और एक विधानसभा उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के तानाशाही रवैये और अहंकार के कारण हारी है। लोकसभा उपचुनाव में हार से साफ हो गया कि प्रदेश की जनता ने प्रधानमंत्री के जुमलों और झूठे वादों को भी सिरे से नकार दिया।
इन चुनाव परिणामों से लगता है कि कार्यकर्ताओं का अपनी ही पार्टी की सरकार पर से विश्वास उठ गया है, यही वजह है कि पिछले चालीस सालों में सत्तारूढ़ पार्टी पहली बार सभी सत्रह विधानसभा क्षेत्रों में बुरी तरह से हारी है। इसका सबसे बड़ कारण यह भी है कि इनके विधायकों ने अपने क्षेत्र में न काम करवाए और न ही मतदाताओं से जीवंत सपंर्क रखा।
उन्होंने कहा प्रदेश में कांग्रेस शासन में शुरू की गई जनकल्याण की योजनाओं ने इस सरकार ने बंद कर दिया, इसका लोगों में गुस्सा रहा, इसके अलावा शिक्षा, चिकित्सा, सड़कें, पानी और बिजली की समस्याओं से जनता त्रस्त है और कांग्रेस को फिर से सत्ता में लाने का मानस बना चुकी है। श्री डूडी ने आशंका जताई कि चुनावी वर्ष में सरकार लोगों के प्रति द्वेषतापूर्ण कार्रवाई करेगी और लोगों पर हार का गुस्सा निकालेगी।
उन्होंने कहा विधानसभा सत्र में सरकार मुंह दिखाने लायक नहीं है, पहले भी जनता के मुद्दों पर वह सदन से भाग चुकी है, इस बार तो करारी हार ने उसे बोलने लायक नहीं छोड़ है। इस हार का ठीकरा संगठन पर फोड़कर सरकार जनता को भ्रमित करने का प्रयास करेगी, अफसरों की मनमानी बताकर उन्हें निशाना बनाएगी जबकि यह पूरी तरह से नाकामी वसुंधरा सरकार की है। उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, जनता उन्हें पूरी तरह से नकार चुकी है। हालत तो यह है कि आम भाजपा कार्यकर्ता तीनों उपचुनाव में हार से इसलिए खुश हो रहा है कि इससे सरकार कार्यकर्ताओं की सुध तो लेगी। पार्टी में ऊपर तक इस करारी हार से खलबली मची हुई है, अब जनता इंतजार कर रही है कि पार्टी जनहित में क्या कदम उठाती है।
उन्होंने कहा कि हम विधानसभा में सरकार से पूछेंगे कि आपने चुनाव घोषणाप पत्र में 611 वादे जनता से किए थे, उनमें से कितने पूरे किए हैं। पंद्रह लाख लोगों को नौकरियां देने के वादे के इंतजार में कई युवा अपनी नौकरी पाने की उम, पार कर चुके हैं लेकिन सरकार इस बजट में उन्हें फिर झूठे वादे कर लुभाने का प्रयास करेगी लेकिन अब युवा समझ चुका है। उन्होंने कहा गाय और राम पर वोट मांगने वाली सरकार ने गो वंश को किस हालत में पहुंचा दिया है यह प्रदेश की गोशालाओं के हालात देखने से पता चलता है, सरकार ने मूक पशुओं का अनुदान ही रोक लिया, इससे बड़ निर्दयता और क्या होगी।
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