राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर रोड़वेज कर्मचारियों ने 7 सूत्री मांगो को लेकर आज निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन कर धरना दिया तथा निगम प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा।
रोडवेज कर्मचारी रैली के रूप में निगम मुख्यालय पहुंचे और सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये भारी संख्या में रोड़वेज कर्मचारियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर आयोजित सभा में भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय मंत्री राजबिहारी शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा रोड़वेज का निजीकरण किया जा रहा है और इसी कारण जानबूझकर रोड़वेज को घाटे में लाया जा रहा है ताकि निजी संस्थानों को सौंपा जा सकें। उन्होंने कहा कि आम जनता को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है और घाटे के नाम पर इसे निजी हाथों में सौंपना प्रदेश की जनता के साथ धोखा है।
भारतीय परिवहन मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय मंत्री सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार को रोड़वेज द्वारा प्रतिवर्ष 350 करोड रूपये का राजस्व मिलता है इसके बावजूद सरकार वास्तविक तथ्यों को छिपाकर घाटे का हवाला देकर कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि रोड़वेज के बंद होने से राज्य सरकार को भी राजस्व कर के रूप में भारी हानि होगी।
फैडरेशन के प्रदेश महामंत्री महेश चतुर्वेदी ने राजस्थान में भी हरियाणा की तरह रोड़वेज का संचालन करने की मांग करते हुये कहा कि इससे अवैध संचालन में कमी आयेगी और घाटे की स्थिति में सुधार आयेगी।
फैडरेशन की सात सूत्रीय मांगों में कर्मचारियों का बकाया वेतनका भुगतान समय पर करने, पेंशनधारियों के पेंशन का भुगतान कराने, सेवानिवृत कर्मचारियों के ओवर टाईम, महंगायी भत्ते के बिलों का भुगतान करना आदि शामिल है।