राजस्थान हाई कोर्ट के न्यायाधीश एवं विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष मोहम्मद रफीक ने कहा कि आपसी विवादों को शीघ निपटाने में लोक अदालतों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
न्यायाधीश रफीक आज यहां आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस लोक अदालत में प्रदेश के लगभग दो लाख मुकदमों का निस्तारण करने का प्रयास रहेगा। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट जयपुर पीठ में लगभग 1100 से अधिक मुकदमें सूचीबद्ध कर 5 नियमित लोक अदालत बैंचों में सुनवाई के लिए रखा गया है। जिसमें आपसी राजी नामा के द्वारा प्रकरणों का निस्तारण किया जायेगा जिससे समय व पैसे की बचत होगी।
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव एस.के जैन ने बताया कि प्रदेश की समस्त अधीनस्थ न्यायालयों में लगने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए न्यायालयों में लम्बित एवं प्रि। लिटीगेशन के करीब 2 लाख एक हजार एक सौ बहतर प्रकरणों को चिन्हित किया गया है तथा चिन्हित किये गये प्रकरणों को ध्यान में रखते हुये ही पीठासीन न्यायिक अधिकारियों की लोक अदालत बैंचों का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि सूची बद्ध किये गये प्रकरणों में पेंशन, सेवानिवृति लाभ, एन.आई एक्ट के मामले, पारिवारिक मामले, औद्योगिक विवाद, स्थानान्तरण, चयनित वेतन श्रृंखला केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण के आदेशों के विरूद्ध दायर याचिका, मोटरवाहन दुर्घटना, जेडीए से सम्बन्धित विवाद व प्रि। लिटीगेशन आदि से सम्बन्धित प्रकरणों को राष्ट्रीय लोक अदालत में सम्मिलित किया गया है।
इस अवसर पर राजस्थान हाई कोर्ट के न्यायाधिपति बनवारी लाल शर्मा, जी.आर मूलचंदानी, महेन्द माहेश्वरी, सहित अनेक वरिष्ठ अधिवक्ता विभिन्न विभागों के अधिकारी व आमजन राष्ट्रीय लोक अदालत में उपस्थित थे।