जयपुर : राजस्थान में बजरी की समस्या के मद्देनजर लोगों को बजरी सस्ती दरों पर सुगमता से उपलब्ध कराने के लिए इसके लघु खनन पट्टे दिये जायेंगे। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज यहां विधानसभा में वर्ष 2018-19 बजट भाषण में यह घोषणा की। श्रीमती राजे ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2012-13 में खनिज बजरी के हजारों हेक्टेयर क्षेत्रफल के एकल खनन पट्टे दिये जाने से पर्यावरण क्लीरियंस समय पर प्राप्त नहीं होने से बजरी खनन बंद हो गया और इस कारण बजरी के दाम बढ़ने से लोगों को बजरी की परेशानी का सामना करना पड़। इसके मद्देनजर अब सस्ती दरों एवं सुगमता से बजरी उपलब्ध कराने के लिए इसके लघु खनन पट्टे दिये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि इससे नीलामी में अधिक से अधिक बोलीदाताओं की भागदारी सुनिश्चित होगी तथा पर्यावरण क्लीरियंस समय पर होने से खनन भी सुचारु रुप से होगा और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने प्रदेश में खातेदारी भूमि में चार हेक्टेयर क्षेत्रफल तक की माइनर मिनरल की खनिज रियायतें नीलामी से न दी जाकर प्रीमियम राशि तय कर संबंधित खातेदार को आवंटित किये जाने की घोषणा की। इसी तरह प्रदेश में खनिजों के खनन के दौरान निकलने वाले मलबा के उपयोग पर वसूले जाने वाले दस रुपए प्रतिटन की दर से स्पेशल परमिट शुल्क को समाप्त करने की घोषणा की गई। श्रीमती राजे ने नागौर जिले में मकराना के बोरावड़ क्षेत्र की कुमारी पत्थर की खानों में मार्बल के खनन के दौरान मलबे के रुप में निकलने वाले खण्डों के उत्पादन पर ली जाने वाली रॉयल्टी को समाप्त करने की घोषणा भी की।
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