गाजियाबाद : अपनी ही बेटी आरुषि और नौकर हेमराज के हत्या के आरोप में करीब चार साल जेल की सजा काट चुके आरुषि के माता-पिता डॉ. राजेश और नूपुर तलवार आज जेल से रिहा हो गए। हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी पहुंचने के बाद सीबीआई कोर्ट ने रिहाई का आदेश जारी किया। इसके बाद डासना जेल से दोनों को रिहा कर दिया गया।
Rajesh & Nupur Talwar released from Ghaziabad’s Dasna Jail after Allahabad HC acquitted them in 2008 Aarushi-Hemraj murder case
— ANI (@ANI) October 16, 2017
जानकारी के अनुसार रिहाई के बाद कुछ दिनों तक राजेश तलवार पत्नी नूपुर के साथ अपने ससुराल में रहेंगे। उनकी रिहाई के पहले डासना जेल के जेलर ने मीडिया को बताया कि रिहा होने के बाद भी तलवार दंपती हर 15 दिनों में डासना जेल जाएंगे। उनके यहां आने का मुख्य कारण कैंदियों की स्वास्थ्य जांच है। यह दोनों निशुल्क जेल में बंद कैदियों की जांच करेंगे।
जेल में मरीजों का इलाज कर कमाए 49,500 रुपये नहीं लेंगे तलवार दंपति
आरुषि-हेमराज हत्याकांड के संबंध में वर्ष 2013 से डासना जेल में सजा काट रहे दंत चिकित्सक दंपति राजेश एवं नूपुर तलवार ने इस दौरान जेल के अंदर मरीजों को दी गई अपनी-अपनी सेवाओं का मेहनताना लेने से इनकार कर दिया है. जेल अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 अक्तूबर को तलवार दंपति को अपनी बेटी आरुषि एवं घरेलू सहायक हेमराज की हत्या के आरोपों से बरी कर दिया. उन्हें आज दोपहर रिहा किये जाने की संभावना है. जेल अधिकारियों के मुताबिक- तलवार दंपति से जल्द से जल्द अपना उपचार कराने के लिए जेल के मरीजों में ‘‘होड़’’ मची है।
जेल के एक अधिकारी ने बताया कि तलवार दंपति जेल से बाहर निकलने का इंतजार कर रहे हैं और बाहर निकलते ही उनके मीडियाकर्मियों से घिरने की संभावना है। उन्होंने बताया कि तलवार दंपति ने जेल के अंदर मरीजों की सेवाओं के लिये मिलने वाला अपना पारिश्रमिक लेने से ‘‘इनकार’’ कर दिया है। जेल अधीक्षक डी. मौर्य ने बताया कि इस दौरान उन्होंने करीब 49,500 रुपये कमाये हैं।
सजा सुनाये जाने के बाद तलवार दंपति नवंबर 2013 से जेल के अंदर मरीजों का उपचार कर रहे हैं। जेल चिकित्सक सुनील त्यागी ने बताया कि तलवार दंपति ने अधिकारियों को आश्वस्त किया है कि कैदियों के उपचार के लिए हर 15 दिन पर वे जेल आते रहेंगे।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि ना तो परिस्थितियां और ना ही सबूत उन्हें दोषी ठहराने के लिये पर्याप्त हैं। तलवार के नोएडा स्थित घर में 16 मई 2008 को आरुषि तलवार मृत पाई गई थी। हेमराज का शव भी अगले दिन छत पर उसके कमरे से बरामद हुआ था।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2008 के इस दोहरे हत्याकांड के मामले में तलावार दंपति को बरी कर दिया था। आरुषि इस दंपति की बेटी थी और हेमराज घरेलू सहायक था।