केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर की समस्या के समाधान के लिए विभिन्न वर्गो से बातचीत करने का निर्णय लिया है और इसके लिए गुप्तचर ब्यूरो के पूर्व निदेशक दिनेश्वर शर्मा को अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज यहां अचानक बुलाये गए संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 1979 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी दिनेश्वर शर्मा जम्मू कश्मीर के निर्वाचित प्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों, संगठनों और व्यक्तियों से बातचीत करेंगे।
उन्होंने कहा कि दिनेश्वर शर्मा जिसे भी उचित समझेंगे, उससे बातचीत कर सकते हैं। दिनेश्वर को इसके लिए कैबिनेट सचिव का दर्जा दिया गया है। दिनेश्वर को बातचीत पूरी करने की कोई समय सीमा नहीं दी गयी है। वह राज्य के युवाओं की आकांक्षाओं को भी ध्यान में रखेंगे और बातचीत की पूरी रिपोर्ट केंद्र और जम्मू कश्मीर सरकार के साथ साझा करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या दिनेश्वर शर्मा हुरिर्यत कांफ्रेंस से भी बातचीत करेंगे तो गृहमंत्री ने कहा कि उन्हें इस संबंध में पूरी आजादी होगी कि किससे बातचीत करनी है। इसमें उन्हें लोगों की आकांक्षाओं को समझना होगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि दिनेश्वर शर्मा देश के आंतरिक सुरक्षा मामलों के विशेष माने जाते हैं और गुप्तचर ब्यूरो में काम करते हुए जम्मू कश्मीर के मामलों से परिचित हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से साफ कर चुके हैं कि जम्मू कश्मीर समस्या का समाधान ‘न गाली से और न गोली से’ हो सकता है बल्कि वहां के लोगों को गले लगाकर हो सकता है।
गृहमंत्री ने जम्मू कश्मीर समस्या को संवेदनशील बताते हुए कहा कि इसके प्रति सरकार की नीति और नीयत साफ है। उन्होंने कहा कि वह सितंबर में जम्मू कश्मीर गए थे और चार दिनों के दौरान उन्होंने सभी वर्गों के 87 प्रतिनिधिमंडलों और लोगों से मुलाकात की थी।