रायपुर : चुनावी साल में आदिवासी बेल्ट में मिशन की कवायदों के बीच विपक्ष फिर रमन सरकार पर बड़े घोटाले के आरोप जड़ दिए। छत्तीसगढ़ कांग्रेस की ओर से बस्तर में तेंदूपत्ता संग्रहण में व्यापक पैमाने पर गड़बडिय़ों के दावे किए हैं। इस मामले में विपक्ष ने दस्तावेजी आंकड़े सार्वजनिक कर सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। पीसीसी के मुखिया भूपेश बघेल ने आंकड़े जारी करते हुए तेंदूपत्ता संग्रहण और बिडर्स से सांठगांठ कर चुनावी फंड जुगाडऩे के आरोप लगाए हैं।
कांग्रेस ने दावा किया कि आंकड़ों के आधार पर हर चुनावी साल में संग्रहण दर बढ़ जाती है वहीं चुनाव के बाद ये नीचे गिर जाती है। सरकार इस मामले में सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के साथ आदिवासियों के पैसों से भी धोखाधड़ी कर रही है। तेंदूपत्ता संग्रहण में हर चुनावी साल और इससे पहले बिडर्स और दरें बढ़ गई है।
वर्ष 2004 से लेकर 2013 तक के आंकड़े जारी कर दावे किए कि आखिर यह कैसे संभव हो पाएगा। विपक्ष ने बीते डेढ़ दशक में अब तक औसत 600 करोड़ के घोटाले के आरोप लगाते हुए इसकी सीबीआई जांच की मांग उठाई है। वहीं मौजूदा वर्ष के साथ बीते वर्ष को मिलाकर ही अब तक करीब 300 करोड़ के भ्रष्टाचार कर चुनावी फंड जुगाडऩे के दावे किए हैं।
तेंदूपत्ता संग्रहण की आदिवासियों की राशि को बैंकों में रखकर ब्याज खाने के आरोप भी सरकार पर लगते रहे हैं। कांग्रेस उन दस्तावेजों को सार्वजनिक किया है जिसे सरकार ने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया है। यह आंकड़े ही बताते हैं कि सरकार ने घोटालों की स्वीकारोक्ति कर ली है। हालांकि इन वर्षों में टेंडर लेने वाली फर्म कौन सी थी वह अभी सार्वजनिक नहीं हो पाया है। कांग्रेस ने यह भी दावे किए कि इस साल तो धुर नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में तेंदूपत्ता की नीलामी के टेंडर ही नहीं हो पाए हैं। सरकार ने बस्तर अंचल में बड़ा भ्रष्टाचार कर चुनावी खेल किया है।
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