पीएनबी बैंक घोटाले के बीच एक और सनसनीखेज मामला सामना आया है। आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में खुद खुलासा किया है कि बैंक के कर्मचारी घोटाले में लिप्त होते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि हर 4 घंटे में बैंक का एक कर्मचारी धोखाधड़ी जैसे मामलों में पकड़ा जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक औसतन हर चार घंटे में एक बैंक कर्मचारी धोखाधड़ी जैसे मामले में पकड़ा जाता है। आरबीआई के मुताबिक 1 जनवरी 2015 से लेकर 31 मार्च 2017 के बीच पब्लिक सेक्टर बैंकों में 5200 कर्मचारियों को धोखाधड़ी के मामले में पकड़ा गया है और सजा दी गई है ।
आरबीआई के तथ्यों के अनुसार धोखाधड़ी के मामलों में एसबीआई के कर्मचारी अव्वल नंबर पर हैं। 2015 से लेकर 2017 के बीच 1538 बैंक कर्मचारी पकड़े गए हैं। वहीं इंडियन ओवरसीज बैंक में इस अवधि के दौरान 449 कर्मचारी पकड़े जा चुके हैं। सेंट्रल बैंक के 406, यूनियन बैंक के 214, पीएनबी के 184 और अन्य 22 पब्लिक सेक्टर बैंकों के 2409 कर्मचारी धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार हुए हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बात करें तो सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले में देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के कर्मचारी टॉप पर हैं। एसबीआई के 1538 कर्मचारियों को धोखाधड़ी के मामले में दोषी पाया गया। इसके अलावा इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारियों ने भी सबसे ज्यादा फ्रॉड किया। चौंकाने वाली बात यह है कि इन बैंकों की तुलना में एसबीआई के तीन गुना ज्यादा कर्मचारी ऐसे मामलों में शामिल पाए गए।
वही ,आरबीआई की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि धोखाधड़ी में पकड़े गए। कर्मचारियों की वजह से बैंकों को कितना नुकसान हुआ। आरबीआई के एक पुराने डाटा के मुताबिक, 1 अप्रैल, 2013 से 31 दिसंबर 2016 तक प्राइवेट बैंकों समेत सभी कमर्शियल बैंकों को 1704 फ्रॉड के मामलों से 66 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। फ्रॉड के कुल मामलों में बैंक कर्मचारी के मिले होने वाले मामलों की संख्या 2084 है।
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