नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि सड़कों से स्पीड ब्रेकर हटाने से कई बार गड्ढे बन जाते हैं और धारदार चीजें गाड़ियों के टायर के लिए खतरनाक होती है । अदालत ने आप सरकार और स्थानीय निकायों को समन्वय बनाने और सड़कों की आवश्यक मरम्मत करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति ए के चावला की पीठ ने दो याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया। याचिका में दिल्ली की सड़कों पर अनाधिकृत स्पीड ब्रेकर मौजूद होने और इन्हें हटाने की मांग की गयी है।
दिल्ली सरकार को अपने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के स्थलों पर अधिकृत स्पीड ब्रेकर की मंजूरी का प्रमाण प्रदर्शित करने को कहा गया है । सरकारी पोर्टल के मुताबिक ऐसे स्पीड ब्रेकरों की संख्या 589 है। अदालत ने पीडब्ल्यूडी के सचिव से राष्ट्रीय राजधानी में अनाधिकृत स्पीड ब्रेकर हटाने के लिए विभाग द्वारा की गयी कार्रवाई को लेकर एक हलफनामा दाखिल करने को कहा और आगाह किया कि ब्यौरा नहीं देने पर अवमानना कार्यवाही की जाएगी। इस निर्देश के साथ पीठ ने अगली सुनवाई के लिए आठ अगस्त की तारीख तय की।
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