भोपाल : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में 29 अप्रैल को आयोजित कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की जनआक्रोश रैली में मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेताओं को एक लाख की भीड़ जुटाने का जिम्मा मिला है। वहीं पीसीसी ने जिलों के प्रभारी नियुक्त कर यह जिम्मेदारी उन्हें सौंप दी है। समय कम होने के कारण कांग्रेस नेताओं को भीड़ जुटाना बड़ी चुनौती लग रहा है।
वहीं भीषण गर्मी में लोगों को दिल्ली ले जाने और उनके खान-पान की व्यवस्था ने नेताओं के होश उड़ा दिए हैं। यही नहीं जिला प्रभारियों को अपने-अपने जिले में बैठक कर दिल्ली जाने वालों की संख्या भी पीसीसी चीफ को बताना है। बताया जाता है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की जनआक्रोश रैली हेतु जिन नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है,
उनमें विधायक बाला बच्चन को आदिवासी बहुल धार, झाबुआ, अलीराजपुर और बड़वानी जिले का प्रभार दिया है। विनोद डागा को बैतूल, खरगोन, खंडवा, हरदा, बुरहानपुर और सविता दीवान को सिवनी, होशंगाबाद, नरसिंहपुर व छिंदवाड़ा का प्रभार दिया है।
अर्चना जायसवाल को जबलपुर, बालाघाट, मंडला, कटनी और विधायक ओमकार सिंह मरकाम को उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी से आदिवासियों को ले जाने का जिम्मा दिया गया है। वहीं महेंद्र सिंह चौहान को सतना, सिंगरौली, सीधी, रीवा का प्रभार दिया है।
विधायक यादवेंद्र सिंह को छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, गोविंद सिंह राजपूत को सागर, दमोह, विधायक रामनिवास रावत को भिंड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, सुरेंद्र सिंह ठाकुर को भोपाल, विदिशा, सीहोर, रायसेन, प्रियव्रत सिंह को राजगढ़, शाजापुर, आगर, मीनाक्षी नटराजन को रतलाम,
मंदसौर, नीमच और विधायक जीतू पटवारी को इंदौर, उज्जैन व देवास का प्रभार दिया गया। इधर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि केंद्र सरकार के खिलाफ राहुल गांधी की जनआक्रोश रैली में मध्यप्रदेश के लाखों लोग शामिल होंगे। इसका जिम्मा प्रदेश के नेताओं को अलग-अलग जिलों का प्रभारी बनाकर सौंपा गया है।
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