सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म के मामले में सजा दिए जाने को लेकर दायर याचिका आज खारिज कर दी है। याचिकाकर्ता का कहना है कि ऐसे मामलों में अगर पुरुष के साथ महिलाओं ने अपराध किया है तो उनके खिलाफ भी मुकदमा चलना चाहिए, लेकिन आईपीसी के कानूनी प्रावधान के मुताबिक रेप और छेड़छाड़ मामले में आरोपी पुरुष हो सकते हैं और महिलाएं पीड़ित, लेकिन ये संविधान के प्रावधान के खिलाफ है। यह याचिका वकील ऋषि मल्होत्रा द्वारा दायर की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने इस याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह कोर्ट नहीं बल्कि संसद का काम है और वही इस पर फैसला ले सकती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि आईपीसी में महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिहाज से प्रावधान किए गए हैं वहीं पोस्को में 18 साल से कम आयु के बच्चों के लिए प्रवाधान किए गए हैं। यह धाराएं महिलाओं को सुरक्षित करने के लिए है।
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