पटना : हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा-से. के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने प्रेसवार्ता आयोजित कर सबसे पहले बिहार दिवस पर पूरे बिहार की जनता को अपनी ओर से शुभकामना दी। अनुसूचित जाति, जनजाति एक्ट पर उच्चतर न्यायालय के द्वारा दिए गए निर्णय पर जीतनराम मांझी ने कहा कि हमे न्यायालय के निर्णय पर कुछ नहीं कहना है। अनुसूचित जाति जनजाति पर बना एट्रोसिटी एक्ट 1989 है जो अनुपालित है। पहले एफआईआर होने के बाद हर हाल में प्रारंभिक जांच मे गिरफ्तार किया जाता और बेल नहीं दिया जाता था।
एट्रोसिटी एक्ट के कारण कहीं न कहीं अनुसूचित जाति जनजाति पढ़ाई जा रहे जुल्मों में कमी थी श्री मांझी ने कहा कि अब एट्रोसिटी एक्ट मे मुकदमा वेलेबुल होगा साथ हीं सरकारी पदाधिकारी या एसपी से अनुमति के उपरांत ही गिरफ्तारी होगी। बिहार में पहले से अन्य राज्यों की अपेक्षा सरकारी स्तर पर एस्ट्रो सिटी एक्ट मे मुकदमा बहुत कम दर्ज होता था अब उसमें और गिरावट आएगी। हमका सकते हैं कि हमारे एक्सट्रो सिटी एक्ट के लोगों के लिए परेशानियां बढ़ाने वाली है।
अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को अब जागना होगा। श्री मांझी ने कहा कि हम एससी-एसटी पर आए आदेश के लिए आग्रह है कि पूर्ण विचार करें। उन्होंने कहा की कौन-सा ऐसा कानून है जिसका दुरुपयोग नहीं होता है हम मान सकते हैं कुछ लोग ऐसा करते होगी लेकिन उनकी संख्या 1 प्रतिशत या आधा प्रतिशत से भी कम होगी एसपी या सरकारी कर्मचारी अनुमति के कारण लोग अब भयक्रांत होंगे।
श्री मांझी ने कहा कि प्रमोशन में आरक्षण हम जब वेल्फेयर मनिस्टर थे तो हमने किया था। प्रमोशन में आरक्षण अनुसूची जाति जनजाति लिए के लिए अच्छी पहल थी। प्रमोशन मे आरक्षण पाने वालों के लिए फिक्र करने की बात होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार पर अलगाववादी शक्तियों से घिरी हुई है और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि हम किसी भी सूरत में संप्रदाय शक्तियों को बढऩे नहीं देंगे, लेकिन एक कहावत चरितार्थ है की गुड खाएं और गुलगुले से परहेज।
समाज में आपसी भाईचारा बना रहे इस से उनका कुछ लेना-देना नहीं है। अगर दम है तो सरकार से अलग होकर काम करें तो माने। यह बात सभी जानते हैं कि बिहार में सबसे ज्यादा शराब की दुकानें नितीश कुमार ने अपने शासनकाल में गांव-गांव तक शराब की दुकानें खुलवाने का काम किया। उस समय के अच्छे खासे लोगों को शराबी बना दिया आज वह अपनी गलती का प्रायश्चित करने के लिए उन्होंने शराब बंदी के लिए कड़े कानून बनाए।
आज जिस तरह से सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति जनजाति के लोग ही जेल में बंद है और उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है यह किसी से छिपा नहीं है। श्री मांझी ने कहा आज फिर बहुत दिनों के बाद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की बात बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कही जा रही है। जब उन्होंने बिहार वासियों के नाखून और बाल के सैंपल दिल्ली के रामलीला मैदान में भिजवाए उसके बाद भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने में वह सफल साबित नहीं हुए।
अब देखना है केंद्र और राज्य मैं जब दोनों जगह एक ही दल की सरकार है और उसके बावजूद अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलता तो नीतीश कुमार का व्यक्तिगत स्वार्थ छिपा है और यह स्पष्ट होगा कि उनको बिहार की जनता से कोई लेना देना नहीं वह अपने लिए ही समझौता करना जानते हैं राज्य हित में नहीं यदि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला तो?
श्री मांझी ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जा की मांग को लेकर चंद्रबाबू नायडू ने जो कड़ा निर्णय लेते हुए अपने दल से केंद्रीय मंत्रिमंडल शामिल मंत्रियों को त्याग-पत्र दिलाने के साथ ही एनडीए से नाता तोड़ लिया। उन्होंने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बिहार दिवस पर हम आमंत्रित नहीं। यदि बुलाया जाता तो हम जरूर जाते यह एक अच्छी परंपरा है बुलाया जाना चाहिए था। उन सभी सम्मानित व्यक्तियों को इस बिहार दिवस परए नहीं बुलाया गया हो सकता है उनकी कुछ मजबूरियां रही हो।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति के हितों को देखते हुए कानूनी मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से समय लेंगे और उनकी समस्याओं से जुड़े बातों को रखने का काम करेंगे। श्री मांझी ने रांची जाकर राजद सुप्रीम लालू प्रसाद से मुलाकात पर पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि लालू प्रसाद जी की तबीयत खराब होने के कारण उनसे मिलने हेतु 18 तारीख को हमारी उनसे बात हुई थी।
हमने उनसे मिलने का 20 तारीख को समय निर्धारित किया था जिसकी सूचना हमारे दफ्तर से झारखंड सरकार सहित वहां के गृह विभाग, आईजी, जेल सुपरिंटेंडेंट सहित सभी संबंधित पदाधिकारियों को इसकी सूचना दी गई थी। उसके बावजूद जब हम उनसे मिल लें रांची पहुंचे तो हमें मिलने नहीं दिया गया।
हमने झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री से भी बात करने का प्रयास किया और हमें 5 मिनट बाद बात करने की बात कही गई। लालू प्रसाद से मुलाकात को लेकर बातचीत का प्रयास किया गया जिसे कि उनसे मुलाकात हो, लेकिन हमें उनसे मुलाकात नहीं करने दिया गया अंत में रिम के आईजी चौधरी जी ने हमारी बात फोन पर लालू प्रसाद हुई। इस प्रेस वार्ता में पार्टी क प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री वृषिण पटेल, राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. दानिश रिजवान, अनुसूचित जाति जनजाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. एल. वैयश्न्त्री, प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव, अनामिका पासवान, रामविलास प्रसाद, अमरेंद्र कुमार त्रिपाठी आदि नेता मौजूद थे।
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