जीडी बिरला सेंटर फॉर एजुकेशन के परिसर में चार वर्षीय एक बच्ची के कथित यौन उत्पीड़न के मामले की जांच के संबंध में कोलकाता पुलिस ने आज संस्थान की प्राचार्य को समन भेजा। बच्ची का स्कूल के ही दो शिक्षकों ने कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया था। कोलकाता के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि साफ सफाई का काम करने वाले एक कर्मचारी और दो अन्य गैर शिक्षण स्टाफ के सदस्यों को भी पूछताछ के लिए समन भेजा गया है।
इस बीच प्राचार्य शर्मिला नाथ ने अभिभावकों को भेजे पत्र में पीड़ित लड़की के नाम का कथित तौर पर खुलासा कर विवादों को हवा दे दी। ऐसा करना यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 (पोक्सो) का उल्लंघन है। संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) विशाल गर्ग ने आज बताया कि नाथ को कोलकाता पुलिस के लालबाजार स्थित मुख्यालय में महिला कल्याण प्रकोष्ठ में बुलाया गया। स्कूल की ओर से लापरवाही और मामले को गलत ढंग से पेश करने के आरोपों की जांच के लिए कल पुलिस ने विशेष समिति का गठन किया था।
यह समिति प्राचार्य और अन्य से पूछताछ करेगी। समिति में पश्चिम बंगाल राज्य शिक्षा विभाग, पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग और आईसीएसई बोर्ड, नई दिल्ली तथा कोलकाता पुलिस के प्रतिनिधि शामिल हैं। बच्ची के अभिभावकों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवा कर घटना से संबंधित तथ्यों को कथित तौर पर दबाने के लिए प्राचार्य की गिरफ्तारी की मांग की है। साथ ही आरोप लगाया है कि तीन वर्ष पहले भी इसी तरह की घटना घटी थी उसके बावजूद कोई एहतियाती उपाय नहीं किए गए। प्राचार्य ने कल 4,000 अभिभावकों को पत्र भेज स्कूल में बच्चों की सुरक्षा का आश्वासन दिया था। उस पत्र में पीडत़र लड़की का नाम भी था।
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