मुंबई : शिवसेना ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए करोड़ों रुपये के कथित घोटाले को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और आरोप लगाया कि हीरा कारोबारी भाजपा का ‘‘साझेदार’’ रहा था तथा उसने चुनावों लिए धन जुटाने में पार्टी की मदद की थी। पीएनबी में 11,400 करोड़ रुपये का कथित फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि ‘‘न खाऊंगा न खाने दूंगा’’ के नारे के जरिए देश में भ्रष्टाचार को खत्म करने की प्रधानमंत्री की घोषणा असफल हो गई है। घोटाला उजागर होने के बाद नीरव मोदी और उसके रिश्तेदार मेहुल चोकसी से जुड़ी संपत्तियां निगरानी के दायरे में आ गई हैं। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय में कहा गया, ‘‘यह प्रकाश में आया है कि नीरव मोदी जनवरी में ही देश से भाग गया था। हालांकि कुछ सप्ताह पहले ही वह (विश्व आर्थिक फोरम के दौरान) दावोस में प्रधानमंत्री के साथ देखा गया था।’’
संपादकीय में कहा गया, ‘‘नीरव मोदी भाजपा का सहयोगी रहा है और चुनाव के लिए धन एकत्र करने में भाजपा की मदद करने में वह अग्रिम मोर्चे पर था।’’ शिवसेना ने कहा कि वह यह आरोप नहीं लगाएगी कि नीरव मोदी ने भाजपा नेताओं के आशीर्वाद से देश को लूटा। पार्टी ने आरोप लगाया कि हालांकि ऐसे कई नीरव मोदी थे जो भाजपा को चुनावों में जीत दिलाने और उसका खजाना भरने में उसकी मदद कर रहे थे। इसने कहा कि ‘‘न खाऊंगा न खाने दूंगा’’ का प्रधानमंत्री का चुनावी नारा इस मामले में अप्रभावी साबित हुआ है। पार्टी ने पूछा कि नीरव भाई के खिलाफ प्राथमिकी पहले ही दर्ज की जा चुकी थी, तब वह दावोस जाने और उद्योगपतियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी से मिलने में कैसे सफल हो गया? शिवसेना ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय केवल तब हरकत में आया और नीरव मोदी की संपत्तियों को तब सील किया जब वह देश छोड़ चुका था।
मराठी दैनिक ने कहा कि छगन भुजबल और लालू प्रसाद जैसे नेता भ्रष्टाचार के मामलों में जहां जेल में हैं, वहीं शराब कारोबारी विजय माल्या और नीरव मोदी ठीक सरकार की नाक के नीचे से देश छोड़कर भाग गए। इसने कहा कि भ्रष्टाचारमुक्त भारत और पारदर्शी सरकार की बातें महज तीन साल में ही खोखली साबित हो गई हैं। किसान आत्महत्या कर रहे हैं क्योंकि वह 100 से लेकर 500 रुपये तक का रिण नहीं चुका सकते, लेकिन यहां ऐसे लोग भी हैं जो लाखों-करोड़ों रुपये डकारने के बाद भाग गए हैं। शिवसेना ने कहा कि राजग सरकार विज्ञापनों पर चल रही है जिन पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। पार्टी केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा नीत सरकारों में शामिल है। हालांकि यह विगत में भी नीतिगत फैसलों को लेकर मोदी सरकार की आलोचक रही है।
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