अयोध्या में राम मंदिर मसले को सुलझाने के लिए आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर मध्यस्थता को तैयार हैं। इस सिलसिले में वह हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों से संपर्क भी साधे हुए हैं। इसमें निर्मोही अखाड़ा और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी शामिल हैं। इस बात की पुष्टि खुद श्रीश्री रविशंकर ने इंडिया टुडे से हुई बातचीत में की है। उन्होंने कहा है कि कुछ लोग उनसे मिले हैं और यह मुलाकात सकारात्मक रही है। अगर आगे मध्यस्थता करने की जरूरत पड़ती है, तो वह इसके लिए भी तैयार हैं।
A platform is needed where both communities can show essence of brotherhood: Sri Sri Ravi Sankar #RamTemple
— ANI (@ANI) October 28, 2017
श्रीश्री रविशंकर ने आगे कहा, ‘दोनों पक्षों को इस मसले पर उदारता का परिचय देते हुए आगे आना चाहिए। हालांकि अभी इस मसले पर कुछ भी जल्दबाजी में नहीं कहा जा सकता है। लेकिन, मेरी इच्छा है कि देश हित के लिए सभी को मिलकर आगे आना चाहिए।’
There were efforts is 2003-04 also but environment more positive now. Doing this in my own capacity, it is non-political: Sri Sri #RamTemple pic.twitter.com/cYZqw7ChKl
— ANI (@ANI) October 28, 2017
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इस बीच भाजपा के कुछ नेता 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने की बात कर रहे हैं।
राम मंदिर का निर्माण दो ही सूरत में हो सकता है। पहला तो यह की सुप्रीम कोर्ट इसके लिए हरी झंडी दे या अदालत के बाहर हिंदू और मुस्लिम पक्ष सुलह करते हुए राम मंदिर के लिए तैयार हो जाएं।