नई दिल्ली: विदेश मामलों पर गठित संसद की स्थाई समिति चीन सीमा पर हालात का जायजा लेगी। यह समिति कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में गठित है। विदेशी मामलों पर संसद की स्थायी समिति इस माह के अंत में सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों का जायजा लेगी। शशि थरूर की अगुवाई वाली इस समिति में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हैं। समिति चीन के साथ डोकलाम विवाद के बाद दोनों राज्यों में हालात का जायजा लेगी और इसकी समीक्षा करेगी।
गौरतलब है कि बीते 24 अप्रैल को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि मतभेद भारत और चीन संबंधों में विवाद में नहीं बदलने चाहिए। उन्होंने अपने चीनी समकक्ष जनरल वेई फानघे से डोकलाम गतिरोध के चलते दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों की पृष्ठभूमि में यह बात कही थी। सीतारमण शंघाई सहयोग संगठन ( एससीओ ) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल होने पहुंची थीं। अधिकारियों के मुताबिक फानघे से मुलाकात के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और चीन संबंध में मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहिए।
बता दें कि चीनी सेना की ओर से विवादित ट्राई -जंक्शन में सड़क पर एक निर्माण गतिविधि को भारत ने रोक दिया था। जिसके बाद पिछले वर्ष 16 जून से सिक्किम सेक्टर में डोकलाम में 73 दिनों तक भारत और चीन के सैनिकों के बीच गतिरोध बना रहा था। डोकलाम को लेकर भूटान और चीन के बीच विवाद है। इससे पूर्व विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने 31 सदस्यीय संसदीय समिति को सूचित किया था कि भूटान इस मुद्दे पर भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।
सूत्रों के मुताबिक, विचार-विमर्श के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विदेश मंत्रालय के अफसरों से सवाल किया कि चीन के उद्देश्य और बींजिंग से टकराव के लिए डोकलाम को क्यों चुना? राहुल ने डोकलाम के निकट चीन की व्यापक निर्माण गतिविधियों संबंधी खबरों के बारे में भी पूछा था, जिस पर अधिकारियों ने जवाब दिया था कि भारतीय क्षेत्र में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।
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