ढाका : आज यूनानी देवी की मुर्ति को पुन: स्थापित किया गया । धार्मिक कट्टरपंथियों ने दावा करते है कि यह मूर्ति गैर-इस्लामी है। बांग्लादेश में धार्मिक कट्टरपंथियों के विरोध के बाद उच्चतम न्यायालय के सामने हटाई गई साड़ी पहने हुए यूनानी देवी की मुर्ति को कोर्ट परिसर के भीतर पुन: स्थापित किया गया ।
6 महीने से भी कम पुरानी है साड़ी पहने हुए न्याय की देवी थेमिस की मूर्ति । लेकिन इस्लामिक कट्टरपंथियों ने इसे हटाने की मांग की। और कहा कि यह मुस्लिमों की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाती है।
अटॉर्नी जनरल महबूब आलम ने बताया कि मुख्य न्यायमूर्ति सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने उच्चतम न्यायालय म्यूज़ियम के सामने लगी मूर्ति को हटा कर कोर्ट परिसर के भीतर ही किसी अन्य जगह पर लगाने के आदेश दिए। उन्होंने बताया की , ”सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने मुझे कल दोपहर को अपने चैंबर में बुलाया जहां कई वरिष्ठ वकील मौजूद थे। हमने मूर्ति को उसके मौजूदा स्थान से हटाने का सुझाव दिया।”
दक्षिणपंथी समूह गणजागरण मंच ने इस कदम का विरोध करते हुए विशाल स्तर पर प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारियों में से ज्यादातर छात्र थे जो मूर्ति हटाए जाने के खिलाफ विरोध करते हुए कोर्ट के सामने इकठ्ठा हो गए। मूर्ति स्थापित करने वाले मूर्तिकार मृणाल हक ने बताया कि शांति बनाए रखने के लिए साड़ी पहने हुए यूनानी देवी की मुर्ति हटाया जा रहा है।
The Daily Star की खबर के अनुसार 4 से 5 मजदूरों के साथ मूर्ति हटाने का काम देखने वाले हक ने बताया कि मैं नहीं जानता कि मूर्ति को कहां रखा गया, अधिकारियों ने मुझे बताया कि इसे उच्चतम न्यायालय से जुड़ी इमारत के समीप पुन: स्थापित किया जा सकता है।