दुश्मन की घर में घुसकर लक्ष्य भेदने में सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल का सुखोई फाइटर जेट से बुधवार को सफल परीक्षण किया गया। आवाज की गति से करीब तीन गुना अधिक यानी 2.8 माक की गति से हमला करने में सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल का पहली बार सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट से परीक्षण किया गया।
बता दे कि इस मिसाइल का असली वजन 2.9 टन होता है। लेकिन जिस मिसाइल को टेस्ट किया गया । उसका वजन 2.4 टन था। इस मिसाइल को दो इंजनों वाले सुखोई विमान से बंगाल की खाड़ी में छोड़ा गया। यह पहली बार है, जब इस सुपरसॉनिक मिसाइल को सुखोई-30 एमकेआई फाइटर विमान से छोड़ा गया। इसी के साथ भारत ने इतिहास रच दिया है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पहला ब्रहमोस एयर लॉन्च क्रूज़ मिसाइल का सुखोई-30 MKI से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इससे वायुसेना की मारक क्षमता बढ़ेगी।
ब्रह्मोस मिसाइल एक कम दूरी की सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। जिसे भारत में ही रूस के सहयोग से बनाया जा रहा है। इस मिसाइल को पनडुब्बी, नौसेनिक जहाज, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है।
इसकी खासियत ये है कि यह कम ऊंचाई पर तेजी से उड़ान भरती है और रडार की पकड़ में आने से बच जाती है। ब्रह्मोस का पहल सफल लॉन्च 12 जून, 2001 को हुआ था। इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मस्कोवा नदी पर रखा गया है।