सुप्रीम कोर्ट में चार वरिष्ठ जजों के प्रेस कांफ्रेंस से मचे घमासान के बीच मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ संसद के बजट सत्र में महाभियोग प्रस्ताव लाया जा सकता है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी का कहना है कि जो कुछ हुआ वह बेहद शर्मनाक था, लेकिन हम उससे आगे की बात सोच रहे हैं।
उनका कहना था कि बजट सत्र में अन्य दलों के साथ सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाने पर चर्चा की जाएगी। अगर सहमति बनी तो आगामी सत्र में इस आशय का प्रस्ताव संसद में लाया जा सकता है। पीएम मोदी ने बीते दिनों एक अंग्रजी चैनल को दिए साक्षात्कार में इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़ी थी। उन्होंने न्यायपालिका के इस विवाद से सियासी दलों को दूर रहने की सलाह दी थी।
उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के जज बेहद समझदार होते हैं। वे मिल बैठक कर इस विवाद का समाधान निकाल सकते हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चार सीनियर जजों ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करके केसों के आवंटन समेत कई मामलों पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद न्यायपालिका का विवाद हर जगह सुर्खियों में आ गया।
हालांकि प्रधान न्यायाधीश ने सिलसिलेवार सभी असंतुष्ट जजों से बात करके विवाद को विराम देने की कोशिश की, लेकिन सोमवार को जस्टिस जे. चेलेमेश्वर का जो रवैया दिखा, उससे लगता नहीं कि विवाद इतनी जल्द समाप्त हो जाएगा। पुस्तक विमोचन समारोह में आए चेलमेश्वर ने हालांकि सीधे तौर पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन कार्यप्रणाली पर जमकर निशाना साधा।
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