कंकराज: बस कंडक्टर की लापरवाही से एक महिला व नवजात की जान पर बन आई थी। महिला को बस में डिलीवरी होने लगी तो सवारियों के कहने पर कंडक्टर ने उसे अस्पताल नहीं ले जाते हुए बीच सड़क पर ही उतार दिया। बीच सड़क पर ही महिला व उसके साथ अन्य महिला मदद मांगने लगी। जिस पर कुछ लोग आगे आए और 108 पर फोन लगाया, लेकिन जवाब मिला कि बदनावर, बड़नगर व बिड़वाल तीन स्थानों पर एंबुलेंस नहीं है। आधे से एक घंटा लग सकता है।
इस बीच महिला सड़क पर ही दर्द से तड़पती रही। फिर कुछ लोगों ने ढोलाना टोल पर फोन लगाया। इस पर करीब 20 मिनट बाद एंबुलेंस पहुंची और महिला को बदनावर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जहां महिला ने बच्ची को जन्म दिया। डॉक्टरों के मुताबिक जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं।गोमती (22) पति पुना ने बताया कि वह उज्जैन में मजदूरी करने गई थी। शुक्रवार को पूर्णिमा बस सर्विस एमपी-13, पी-0818 से एक परिचित महिला के साथ वापस अपने घर बाग क्षेत्र में लौट रही थी। इसी दौरान बड़नगर के पास प्रसव पीड़ा होने लगी।
डिलीवरी बस में होने लगी, तो बस के कंडक्टर ने यात्रियों के कहने पर कंकराज फाटे पर मुझे व साथी महिला को उतार दिया। आसपास के लोगों से मदद की गुहार लगाई। इस पर कुछ लोग मदद के लिए आए और टोल नाके से एंबुलेंस बुलाकर बदनावर अस्पताल पहुंचाया। यहां महिला ने बालिका को जन्म दिया।
महिला की हालत देखकर फाटे पर भीड़ जमा हो गई थी। मदद के लिए हर कोई अपने स्तर पर मदद के लिए प्रयास करने लगा। करीब 30 मिनट के प्रयास के बाद एंबुलेंस मिली। ग्रामीणों की सजगता और सहयोग से महिला व नवजात को कोई खतरा नहीं हुआ।
उधर, बस कंडक्टर का कहना है कि महिला के डिलीवरी होने से सीट खराब हो रही थी। सवारियों के कहने पर प्रसूता व साथी महिला को फाटे पर उतार दिया। डॉक्टरों के मुताबिक जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं। यदि समय पर महिला को अस्पताल नहीं लाया जाता, तो जच्चा-बच्चा के लिए खतरा हो सकता था।