पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह कार्यक्रम ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सबसे पहले चम्पारण की धरती को नमन करता हूॅ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का स्वागत करता हूॅ। जिस तरह से स्वच्छता अभियान पर बल दिया गया है, उसकी जरुरत है। 10 अप्रैल, 1917 को गांधी जी पटना आए थे। इसके बाद यहां से मुजफ्फरपुर में चार दिनों तक रहने के बाद मोतिहारी पहुंचे थे, और किसानों की समस्याओं से रू-ब-रू हुये थे। आगे चलकर इसे सत्याग्रह का रुप मिला, वह जगजाहिर है। किसानों के सामने अंग्रेजों को घुटने टेकने पड़े थे।
बापू ने पूरे चम्पारण के लोगों को स्वच्छता, स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति जागरूक बनाया। गांधी जी स्वच्छता पर जोर देते थे। आजादी के बाद देश की स्वच्छता की दिशा में ठीक से काम नहीं हुआ। स्वच्छता पर ठीक से अमल नहीं किया गया। गांधी जी के बाद अगर किसी ने स्वच्छता का मुद्दा उठाया तो लोहिया जी थे। समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया ने 50 के दशक में ही कहा था कि अगर देश में महिलाओं के लिए शौचालय का निर्माण हो जाए तो मैं नेहरू जी का विरोध करना छोड़ दूंगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बापू के 150वें जन्म दिवस के अवसर पर पूरे भारत को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। बिहार को ओडीएफ की दिशा में ले जाने के लिए तेजी से काम चल रहा है। हमने पूरे बिहार को ओडीएफ बनाने के लिए एक अभियान चला रखा है। इसके साथ-साथ हर घर में नल का जल, बिजली एवं पक्की गली-नाली उपलब्ध कराने के लिए भी काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर पीने का स्वच्छ पानी और खुले में शौच से मुक्ति मिल जाए तो होने वाली 90 प्रतिशत बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह का अभियान जरूरी है और इसी से देश को गति मिलेगी। गांधी जी के बिहार आगमन का आज 101वां साल है।
हमारा संकल्प है कि हम घर-घर तक गांधी जी के विचारों को पहुंचाएंगे। गांधी जी का कथावाचन प्रत्येक स्कूल में कराया जाएगा। कथा संग्रह का काम पूरा कर लिया गया है। गांधी जी के विचारों से नई पीढ़ी को अवगत कराना है। अगर 10 से 15 प्रतिशत लोगों ने भी गांधी जी के विचारों को अपना लिया तो समाज, देश बदल जायेगा और हिंसा से छुटकारा मिल जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता के साथ-साथ हमें एक दूसरे की इज्जत करनी चाहिए। प्रेम और सद्भाव के साथ ही देश आगे बढ़ सकता है। तनाव और टकराव से देश आगे नहीं बढ़ सकता।
मैं प्रधानमंत्री जी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम लोगों को खुले में शौच से मुक्त करेंगे। जिस गरीब के पास शौचालय नहीं है, उनके लिए कई शौचालय एक साथ बनाने की हमारी योजना है, शौचालय निर्माण के बाद प्रत्येक परिवार को एक शौचालय की चाबी दे देते हैं।
राज्य सरकार आठ हजार रुपए शौचालय बनाने के लिए देती है, इसके साथ ही केंद्र से 4 हजार रुपए मिलते हैं। बापू के जन्म के 150वें साल में हम पूरे भारत को खुले में शौच से मुक्त करेंगे। हमलोगों की इसके प्रति पूरी प्रतिबद्धता है, लक्ष्य को प्राप्त करने में कामयाब होंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 योजनाओं का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को मधुबनी पेंटिंग भेंट की।
प्रधानमंत्री ने जिन 5 योजनाओं की नींव रखी उनकी कुल लागत 1186.06 करोड़ रुपए है। इसमें से 1164 करोड़ रुपए राजधानी पटना के लिए शुरू होने वाली 4 परियोजनाओं पर खर्च किए जाएंगे। इससे यहां 381.7 किलोमीटर लंबाई के 3 सीवरेज नेटवर्क तैयार होंगे। इसके अलावा मोतिहारी के मोतीझील का पुनर्विकास, सौंदर्यीकरण पर 21.99 करोड़ रूपये खर्च किए किए जाएंगे।
एनएच संख्या-2, जो औरंगाबाद से झारखंड की सीमा तक जाती है, उसको छह लेन बनाने के लिए शिलान्यास किया गया है, यह पहले से फोर लेन है। प्रधानमंत्री ने सुगौली में एलपीजी प्लांट, मुजफ्फरपुर-सुगौली रेलवे लाइन का दोहरीकरण के साथ-साथ मोतिहारी में एलपीजी टर्मिनल तथा चंपारण हमसफर ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्ट्री में तैयार पहले रेल इंजन को प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को समर्पित किया। 12,000 हॉर्स पावर के इस इलेक्ट्रिक इंजन से रेल गाडिय़ों की रफ्तार बढ़ जाएगी।
प्रधानमंत्री ने स्वच्छाग्रही ई-बुक का रिमोट से लोकार्पण किया। इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुये कहा कि बिहार में शौचालय निर्माण का कार्य तेजी से हो रहा है। बिहार सरकार ने लाखों शौचालय बनवाये हैं। बिहार में स्वच्छता का दायरा लगातार बढ़ रहा है। बिहार ने एक सप्ताह में 1.5 लाख शौचालय बनाने का रिकॉर्ड बनाया है।
स्वच्छता अभियान से बड़ी संख्या में महिलायें भी जुड़ी हुयी हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के नेतृत्व में बिहार आगे बढ़ रहा है। बिहार के विकास के लिये केन्द्र-राज्य सरकार साथ हैं। इस अवसर पर स्वच्छता अभियान में उत्कृष्ट योगदान के लिये दस स्वच्छाग्रहियों को प्रधानमंत्री ने प्रमाण पत्र, शॉल, प्रतीक चिह्न एवं 51-51 हजार रूपये का चेक प्रदान किया।
कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता पर आधारित लघु वृतचित्र भी दिखाया गया। कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल सत्य पाल मलिक, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, अश्विनी चौबे, गिरिराज सिंह, रामकृपाल यादव, एसएसअहलुवालिया, बिहार सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह के अलावा अन्य जनप्रतिनिधिगण, वरीय पदाधिकारीगण, विशिष्ट अतिथिगण, स्वच्छता अभियान से जुड़े स्वच्छाग्रहीगण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कार्यक्रम के पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के बिहार आगमन पर पटना हवाई अड्डा पर राज्यपाल सत्य पाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित केन्द्रीय एवं राज्य मंत्रिमण्डल के अनेक मंत्रीगणों ने उनकी अगुवाई की तथा कार्यक्रम के उपरांत दिल्ली के लिये रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री को पटना हवाई अड्डा पर विदाई दी गई।
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