केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भ्रष्टाचार के एक मामले में ओडिशा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश इशरत मसरूर कुद्दुसी और 4 अन्य को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन्होंने सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को MBBS कोर्स में स्टूडेंट्स को प्रवेश देने की छूट दे दी थी।
आपको बता दे कि मेडिकल एडमिशन घोटाले के इस मामले में एजेंसी ने जिन 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनमें रिटायर्ड जस्टिस इशरत मसरूर कुद्दूसी, एक बिचौलिया बिश्वनाथ अग्रवाल, प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के मालिक- बी. पी. यादव और पलाश यादव के अलावा हवाला ऑपरेटर राम देव सारस्वत शामिल हैं। इससे पहले इन पर आपराधिक षडयंत्र के आरोप में केस दर्ज किया गया था।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में मेडिकल कॉलेज में दाखिले का मामला चल रहा है। इस मामले में CBI ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बुधवार देर शाम लखनऊ के प्रसाद इंस्टीट्यूट समेत देश के 9 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके अलावा उड़ीस हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज आईएम कुद्दूसी समेत 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया। CBI के अधिकारियों ने इस छापेमारी के दौरान कुद्दूसी के दक्षिणी दिल्ली में ग्रेटर कैलाश स्थित घर समेत सभी जगहों से कुल 1.91 करोड़ रुपये बरामद किए थे। इन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में केस दर्ज किया गया।
क्या है पूरा मामला
एफआईआर के मुताबिक प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस उन 46 कॉलेजों में से एक है, जिसे सरकार ने मानक पूरा न करने के मामले में ब्लैकलिस्ट कर रखा है। इन कॉलेजों में नए एडमिशन पर रोक लगी हुई है।
इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। CBI के मुताबिक पूर्व जज ने अपने संपर्कों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में केस को रफा-दफा कराने को कहा था. इसी के एवज में भारी राशि की मांग की गई थी।