पटना : कांग्रेस की ‘संविधान बचाओ यात्रा’ को नाटक करार देते हुए भाजपा प्रवक्ता तथा पूर्व विधायक श्री राजीव रंजन ने कहा “ अपने स्वार्थ के लिए हमेशा संविधान का मखौल उड़ाने वाली कांग्रेस पार्टी द्वारा संविधान बचाने की बात करना हास्यास्पद है.
देश का बच्चा-बच्चा जानता है कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा ही अपने और गांधी परिवार के फायदे के लिए संविधान की भावना को खत्म करने का काम किया है. जिस पार्टी का विश्वास लोकतंत्र के बजाए वंशवाद का शासन कायम रखने में हो, उसके मुह से संविधान की सुरक्षा जैसी बात अच्छी नही लगती.
राहुल जी शायद भूल गए हैं कि यह कांग्रेस पार्टी ही थी, जिसने इंदिरा जी की राजनीति को बचाने के लिए संविधान का अपमान करते हुए देश में आपातकाल लगाया था. यह कांग्रेस ही थी जिसने अपने फायदे के लिए अनुच्छेद 356 का अनेकों बार दुरूपयोग करते हुए कई राज्यों की सरकारें हटाई थी.
गांधी परिवार की गुलामी स्वीकार नही करने वाले अधिकारीयों, न्यायधीशों को संविधान के नियमों पर ताक पर रख प्रताड़ित करने के कारनामो से कांग्रेस का इतिहास भरा पड़ा है. अगर कांग्रेस अध्यक्ष को संविधान की इतनी चिंता है तो सबसे पहले उन्हें अपने पूर्वजों के द्वारा संविधान के बार-बार किए गए अपमान के लिए पूरे देश से माफ़ी मांगनी चाहिए.
कांग्रेस अध्यक्ष यह जान लें कि लोग जानते और पूरी तरह मानते हैं कि भाजपा के राज में संविधान पूरी तरह से सुरक्षित है, इसलिए उनके झूठ का किसी पर कोई प्रभाव नही पड़ने वाला.” श्री रंजन ने आगे कहा “ लोग जानते हैं कि कांग्रेस संविधान बचाओ यात्रा नही बल्कि ‘खानदान बचाओ यात्रा’ कर रही है, जिसका एकमात्र उद्देश्य राजनीति में पूरी तरह असफ़ल साबित अपने युवराज को स्थापित करना है, जिसके लिए इनके नेता कैंब्रिज ऐनालिटिका जैसी विदेशी कंपनियों के सहयोग से संवैधानिक संस्थानों के खिलाफ लगातार फर्जी अभियान चला रहे हैं.
पिछले चार वर्षों में कांग्रेस पार्टी को लगातार प्रादेशिक चुनावों में एक के बाद एक हार मिली है जिससे 2014 में 12 राज्यों में शासन करने वाली कांग्रेस सिर्फ चार राज्यों में सिमट गई. राहुल गांधी को देश की जनता द्वारा पूरी तरह से नकारे जाने के बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने आका की साख बचाने के लिए चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थान को बदनाम करने की कोशिश की थी.
इससे पहले इनके नेताओं ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांग सेना को भी कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की थी और आज-कल न्यायपालिका इनके निशाने पर हैं. फिर भी इनके नेता अपने गिरेबान में झांक शर्मिंदा होने की बजाए देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं. राहुल जी यह जान लें कि इसी झूठ की राजनीति की वजह से जनता ने उन्हें 44 सीटों पर ला पटका था और आगे उनकी और बुरी गत बनना तय है.”
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