रायपुर : चुनावी साल में रमन सरकार बिजली के मामले में आम उपभोक्ताओं को राहत देकर साधने की कोशिशों में है। वहीं लगातार बढ़ती जा रही बिजली की दरों को लेकर फूट रही नाराजगी को भी दूर करने के प्रयास किए हैं। राज्य में इस वर्ष के लिए बिजली की दरें कम कर दी गई है।
सरकार के इस दांव को चुनावी नजरिए से अहम माना जा रहा है। राज्य में घरेलू एवं व्यवसायिक उपभोक्ताओं को बिजली की दरों के चलते महंगाई से की मार पड़ रही थी। अब 22 पैसे प्रति युनिट की दर से चार्ज किया जाएगा। वहीं राज्य में भारी भरकम दरों की वसूली को लेकर आरोप भी लगे थे। राज्य में बिजली सरप्लस होने के बावजूद लगातार दरें बढ़ाने को लेकर भी विवाद था। इस मामले में सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है।
घरेलू और व्यवसायिक बिजली दरों के साथ किसानों को भी दरों में कटौती कर रियायतें दी गई है। राज्य में किसान भी भारी भरकम बिजली के बिलों को लेकर परेशान थे। इधर सूत्र दावा करते हैं कि राज्य के बिजली संयंत्रों से उत्पादन की क्षमता बढ़ाने पर भी सरकार ने जोर दिया है। बिजली की दरें राज्य में बड़ा मुद्दा रही है।
लगातार जनसुनवाई के दौरान भी कांग्रेस ने विरोध किया है। हालांकि मुख्यमंत्री ने इस मामले में जरूर दावा किया कि छत्तीसगढ़ में देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे सस्ती और रियायती दरों पर उपभोक्ताओं को बिजली दी जा रही है। इस मामले में नए सिरे से कवायदों के बीच सरकार ने विपक्ष ने बिजली का मुद्दा छीन लिया है।
सरकार को आम लोगों को भरोसा दिलाना होगा कि बिजली की दरें चुनाव के बाद भी नहीं बढ़ाई जाएगी। इधर कांग्रेस अब इसी को मुद्दा बनाकर उछालने की कोशिशें कर सकती है। वहीं कृषि के क्षेत्र में किसानों को बड़ी राहत मिल पाएगी। राज्य में बिजली की दरों के बाद जूझ रहे किसानों को अपने पंपों में उपयोग के बाद भारी रकम चुकाने से फायदा मिल पाएगा।
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