भोपाल : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज 12 वर्ष से कम उम, की बच्चियों के साथ दुराचार करने वालों को फांसी की सजा देने के लिये लाये गये अध्यादेश को ऐतिहासिक फैसला बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द, मोदी और केन्द्रीय मंत्रिमंडल को इसके लिए धन्यवाद दिया है।
श्री चौहान ने कहा कि इस संवेदनशील विषय पर मध्यप्रदेश ने भी पहल की थी। पिछले विधानसभा सत्र में एक विधेयक पारित किया गया था जिसमें 12 साल से कम उम्र की बेटी के साथ दुराचार के प्रकरण में फांसी की सजा का प्रावधान किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुराचारियों को मृत्यु दण्ड देने का जो फैसला केन्द्र ने लिया है, उससे अपराधियों में खौफ पैदा होगा। बेटियों के साथ दुराचार करने का विचार आने से पहले वे सौ बार सोचेंगे।
बेटियों की सुरक्षा के लिये ऐसे ही कड़े कदमों की जरूरत थी। इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। इंदौर में चार महीने की मासूम के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या की घटना पर शोक व्यक्त करते हुए श्री चौहान ने कहा कि केन्द्र द्वारा लाये गये अध्यादेश के परिप्रेक्ष्य में अब अपराधी को फांसी देने का फैसला लेना आसान हो जायेगा।
इस प्रकरण को संवेदनशील मानते हुए फास्ट ट्रेक कोर्ट में इसकी सुनवाई होगी। यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि अपराधी को जल्द से जल्द फांसी की सजा मिले। मध्य प्रदेश ने दण्ड विधि (मध्यप्रदेश संशोधन) विधेयक -2017 पारित कर राष्ट्रपति की अनुमति के लिये भेजा है।
इस विधेयक में भी कड़ दण्डात्मक प्रावधान किये गये हैं। इन प्रावधानों के अनुसार जो कोई 12 वर्ष तक की आयु की बेटी के साथ ज्यादती करेगा उसे मृत्युदंड मिलेगा या कम से कम 14 साल तक की कठोर सजा होगी। एक या अधिक व्यक्तियों द्वारा ज्यादती करने पर मृत्युदंड या 20 वर्ष का कठोर कारावास मिलेगा।
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