पटना : रूपसपुर बेली मैरिज हाल के सभागार में आयोजित काला धन विरोध दिवस के अवसर पर एक विशाल सम्मेलन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान भ्रष्टाचार ने अपनी जड़ें मजबूत कर ली थीं। आए दिन बड़े-बड़े घोटाले सामने आ रहे थे और देश की छवि पूरी दुनिया में बिगड़ गई थी और पूरे देश में निराशा का माहौल था जनता त्रस्त थी।
ऐसे में देश की जनता नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती थी और इसका एक बड़ा कारण था उनकी ईमानदार छवि और भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्धता प्रधानमंत्री बनने के पहले दिन से ही नरेन्द्र मोदी ने भ्रष्टाचार और काले धन रूपी बुराई को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं।
श्री सिंह ने कहा कि नोटबंदी के बाद सबसे ज्यादा काले धन का पर्दाफाश हुआ है सारा कैश बैंक में जमा हो जाने से बिना हिसाब वाले पैसों का पता चला, जिससे सरकार को बड़े पैमाने पर कालेधन की जानकारी मिल सकी। इससे कालाधन छिपा कर रखने वालों के खिलाफ रिकॉर्ड संख्या में जांच और कार्रवाई शुरू हुई। इससे पहले कभी भी इतनी बड़ी संख्या में संदिग्ध लेन-देन एवं जमा राशियों की जानकारी और पहचान नहीं हुई थी।
अब इस समस्या के समाधान के लिए कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं और भारत स्वच्छ अर्थव्यवस्था के पथ पर चल पड़ा है। नोटबंदी के चलते आतंकवादियों और नक्सलियों की कमर टूट गई। कश्मीर में आतंकवादियों के पास पड़ा कैश बेकार हो गया।
बैंक डकैती के उनके प्रयासों से उनकी हताशा साफ झलक रही थी। पत्थरबाजों को पैसे देने के लिए उनके पास धन नहीं बचाए जिसके चलते उनकी गतिविधियों में भारी कमी आई। नक्सलियों के सामने भी ऐसी ही स्थिति थी और उनकी भी गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित हुईं।