जम्मू & कश्मीर के पुलवामा में CRPF जवानों पर हुए आतंकी हमले का मुद्दा मंगलवार को लोकसभा में भी उठा। सबसे पहले तो लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले आतंकी हमले में शहीद हुए पांचों जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद बीजेपी सांसदों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए।
वही , इस मुद्दे पर विपक्ष ने मोदी सरकार को पुलवामा सेक्टर में हुए आतंकी हमले पर आड़े हाथों लिया है मंगलवार को लोकसभा में पुलवामा हमले का मुद्दा उठा, तो कांग्रेस MP ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल खड़े किए।
कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा की खुफिया सूचना के बावजूद हुए इस हमले को लेकर सरकार को घेरते हुए कांग्रेस के युवा नेता ने कहा कि वह (सरकार) देश की सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं है, जिससे उडी, पठानकोट, पम्पोर और ऊधमपुर जैसे हमले हो रहे हैं।
उन्होंने सवाल किया कि खुफिया रिपोर्ट होने के बावजूद पुलवामा हमला कैसे हुआ। उन्होंने कहा कि एक के बदले 10 सिर लाने और पाकिस्तान को माकूल जवाब देने वाले लोगों ने आज इन हमलों पर चुप्पी क्यों साध रखी है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी न तो कोई टिप्पणी की और न ही कोई बयान दिया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा को लेकर फिलिप कम्पोस की रिपोर्ट पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी। हमलों की खुफिया रिपोर्ट होने के बाद सरकार एक के बाद एक गलतियां कर रही है जिससे हमारे जवान मारे जा रहे हैं।
वही , सरकार ने आज लोकसभा में कहा कि वह देश की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह गंभीर है और आतंकवादी हमलों से पूरी सख्ती से निपट रही है।
गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने अपने जवाब में कहा कि आतंकवाद को लेकर मोदी सरकार की सख्ती की बदौलत 2010-2013 के मुकाबले उसके कार्यकाल में आतंकवादी हमले की घटनाओं और इनमें मारे गये नागरिकों की संख्या में न केवल कमी आयी है बल्कि अपेक्षाकृत ज्यादा संख्या में आतंकवादी मारे गये हैं।
कांग्रेस सदस्यों की लगातार टोकाटाकी के बीच श्री अहीर ने कहा कि फिलिप कम्पोस रिपोर्ट की सिफारिशों पर रक्षा मंत्रालय विचार कर रहा है। सीसीटीवी कैमरे समेत सुरक्षा उपरकरण तैनात करने और पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए रक्षा और गृह मंत्रालय ने काफी काम किया है। उन्होंने पुलवामा हमले का ब्यौरा भी दिया।
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