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बाबू वीर कुंवर सिंह के संघर्ष की कहानी से युवाओं में आत्मबल बढ़ेगा : मुख्यमंत्री

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पटना : मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र के बापू सभागार में वीर कुंवर सिंह के 160वें विजयोत्सव पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले बाबू वीर कुंवर सिंह के 160वें विजयोत्सव पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश के विभिन्न हिस्से से आए बुद्धिजीवियों का स्वागत करता हूॅ और आप सब यहाॅ उपस्थित हुए, इसके लिए धन्यवाद देता हूॅ। बाबू वीर कुंवर सिंह के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करता हूॅ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया था कि बाबू वीर कुंवर सिंह के 160वें विजयोत्सव पर राजकीय समारोह का आयोजन किया जाएगा। उसी सिलसिले में 23 अप्रैल से त्रिदिवसीय कार्यक्रम चल रहा है। आज राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है, यह अपने आप में विशिष्ट है। हमलोगों ने पिछले वर्ष चंपारण शताब्दी समारोह का आयोजन किया था। 10-11 अप्रैल को बापू के विचारों पर राष्ट्रीय विमर्श का आयोजन किया गया था, जिसमें देश के बुद्धिजीवियों, लेखकों एवं विचारकों ने उसमें हिस्सा लिया था। इसमें स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित भी किया गया था। गांधी जी जहां-जहां गए थे, सभी जगहों पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। गांधी जी का पेशी के वक्त कोर्ट में दिया गया वक्तव्य, जिसका पूरे देश पर असर पड़ा था, इन सब चीजों पर चर्चा की गई। वर्ष 1917 के चंपारण सत्याग्रह के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि 30 वर्षों के अंदर ही देश आजाद हुआ। घर-घर तक दस्तक देकर साहित्य के माध्यम से बापू के विचारों को पहुंचाया जा रहा है। बापू के विचारों को अगर 10 से 15 प्रतिशत लोग आत्मसात कर लें तो समाज और देश बदल जाएगा। गांधी जी ने कहा था कि प्रकृति व्यक्ति की जरुरतों को पूरा कर सकती है, लालच को नहीं।]

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जनवरी 2017 में गुरु गोविंद सिंह जी महाराज का 350वां प्रकाश पर्व मनाया गया एवं दिसंबर 2017 में शुकराना समारोह का आयोजन किया गया। इससे देश एवं दुनिया से आए सिख श्रद्धालुओं की बिहार के प्रति अच्छी भावना बनी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी की पहली लड़ाई में बाबू वीर कुंवर सिंह की भूमिका की सीमित चर्चा होती है। देश में उनकी भूमिका की विस्तृत चर्चा नहीं होती है। अगस्त 1857 से 9 महीने का लौंग मार्च करते हुए 22 अप्रैल को वीर कुंवर सिंह जगदीशपुर लौटे। वर्तमान सड़क मार्ग से यह दूरी 2380 किलोमीटर है, जबकि आज की तरह पहले सड़कंे नहीं हुआ करती थीं, अतः यह दूरी उबड़ खाबड़ रास्ते के द्वारा उससे दुगनी हो जाएगी। लौंग मार्च के दौरान कुंवर सिंह देश के विभिन्न क्षेत्रों में गए। लौंग मार्च की चर्चा से यह अभिप्राय है कि कुंवर सिंह ने बिहार के बाहर जो देश भर में किया, उसकी चर्चा आवश्यक है। बाबू वीर कुंवर सिंह ने अनेक जगहों पर अंग्रेजों से युद्ध लड़ा और उनकी पकड़ में नहीं आए, इसके लिए उन्होंने छापामार युद्ध की रणनीति को अपनाया। आजादी की पहली लड़ाई में कुंवर सिंह की भूमिका पर कुछ पुस्तकों का प्रकाशन किया गया है। नई पीढ़ी इसके द्वारा पूरी बातों को जानेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी इच्छा है कि इस संगोष्ठी से खास बात निकलकर सामने आए और उन सब चीजों को पाठ्यक्रम में शामिल कर बिहार के स्कूलों में बच्चों को कुंवर सिंह के बारे में जानकारी दी जाए, जिस तरह बापू के विचारों को कथावाचन के माध्यम से स्कूलों में बच्चों को बताई जा रही है। पढ़ने के दौरान ही अगर बच्चों को इन सब चीजों को सीखने का मौका मिलेगा तो यह बहुत अच्छी बात है। जब कुंवर सिंह शासन चला रहे थे तो सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित की थी। उन्होंने हर तबके का सहयोग प्राप्त किया। उन्होंने 80 वर्ष की उम्र में जिस तरह का संघर्ष किया, गोली लगने पर हाथ काट लिया, इन सब चीजों को नई पीढ़ी को जानने की जरुरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यक्रम के आयोजन का संदेश जाना चाहिए ताकि सब लोगों के बीच प्रेम और सद्भाव का माहौल बरकरार रहे। समाज में कटुता एवं तनाव का माहौल खत्म कर प्रेम, शांति एवं सद्भाव का वातावरण बनाए रखें। वीर कुंवर सिंह के संघर्ष की कहानी से युवाओं में आत्मबल बढ़ेगा।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंवर सिंह ने नर-नारी समानता की बात की थी। राज्य में नारी सशक्तिकरण के लिए अनेक काम किए गए। महिलाओं को नगर निकाय एवं पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। प्राथमिक शिक्षक के नियोजन में 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया। लड़कियों की शिक्षा में सुधार के लिए साइकिल योजना एवं पोशाक योजना चलायी गई। लड़कियों को समूह में साइकिल चलाते हुए स्कूल जाते हुये देखने से लोगों की मानसिकता बदली। राज्य में बालिका शिशु मृत्यु दर में सुधार के लिए काम करना है। बेटी की भी उतनी ही चिंता करनी है, जितना बेटे की। बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ एवं शराबबंदी के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्या उत्थान योजना के तहत लड़की के जन्म लेने पर 2,000 रुपए की राशि दी जाएगी। एक साल में आधार से लिंक करने पर 1,000 रुपये, संपूर्ण टीकाकरण कराने पर दो साल में 2000 रुपये की राशि उपलब्ध करायी जाएगी। पोशाक योजना के लिए सभी वर्ग की बालिकाओं की राशि बढ़ा दी गई है। 12वीं उत्तीर्ण अविवाहित लड़कियों को 10,000 रूपये की राशि प्रदान की जाएगी।

जबकि ग्रैजुएट उत्तीर्ण चाहे विवाहित हो या अविवाहित उन्हें 25,000 रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। 7वीं से 12वीं कक्षा की लड़कियों को सेनेटरी नैपकिन के लिये दी जाने वाली राशि 150 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए कर दी गई है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पोशाक के लिए मिलने वाली राशि 250 रूपए से बढ़ाकर 400 रुपए कर दी गई है। हमारी नई पीढ़ी चाहे लड़का हो या लड़की खूब पढ़े, आगे बढ़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज तकनीक का ज्यादा प्रयोग हो रहा है। लोग अपनी सुविधा के लिए इसका दुरुपयोग भी कर रहे हैं। वेब का कहीं न कही असर पड़ रहा है। पर्यावरण को संकट में डाला जा रहा है। हाल ही में श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र में साइंस ऑन स्फियर की शुरुआत की गई है। साइंस का विकास एवं विज्ञान के पहलू की जानकारी इसमें मिलती है। इसमें सौरमंडल से संबंधित जानकारी दी जाती है। इसमें पृथ्वी की स्थिति बहुत ही छोटी है, अब इसमें आपकी जगह कितनी है इसे देखने से आपको यह पता चलेगा की हमारा वजूद क्या है। बिहार में वर्षापात 1200 से 1500 मि0मी0 हुआ करता था लेकिन पर्यावरण से छेड़छाड़ के चलते वर्षापात 1000 से भी कम हो गया है। पर्यावरण के प्रति जागरुक रहने की जरुरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डुमरांव के एग्रीकल्चर कॉलेज का नाम वीर कुंवर सिंह के नाम पर रखा गया है। हार्डिंग पार्क का नाम “वीर कुंवर सिंह आजादी पार्क” किया गया, जिसमें वीर कुंवर सिंह की मूर्ति लगायी गई है। इसके चारों तरफ उनकी जीवनगाथा संक्षिप्त रुप में लिखी गई है। आजादी पार्क में उनकी संघर्ष गाथा का टेराकोटा म्यूरल लगाया गया है। इसे पूरे पार्क में लगाया जाना है। पूरे पार्क में और वृक्षारोपण किया जाना है। नई पीढ़ी इन सब चीजों से प्रेरणा लेगी। अपने नायकों की भूमिका के बारे में जानेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। राज्य का बजट 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये के करीब हो गया है। सड़क, हर घर तक बिजली, हर घर में नल का जल, हर घर शौचालय, हर गांव तक पक्की नली-गली उपलब्ध कराया जा रहा है। नई पीढ़ी को शिक्षित करने के लिए 4 लाख रूपए का स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है। युवाओं को हुनरमंद बनाने की कोशिश की जा रही है। महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। न्याय के साथ विकास किया जा रहा है लेकिन जब तक सामाजिक कुरीतियां जैसे बाल विवाह, दहेज प्रथा दूर नहीं होंगी, सोच में बदलाव नहीं आएगा, आपस में झगड़ते रहेंगे तब तक विकास का कोई मायने नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महानायकों के जीवन से नई पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। आज की संगोष्ठी से जो नतीजा निकलेगा, उसकी कहानी बनाकर बच्चों तक अगर पहुंचा देंगे तो इसका कितना असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी का जो मकसद है, वो लोगों तक पहुंचे और समाज में प्रेम, शांति एवं सद्भाव का माहौल बना रहे। कार्यक्रम के आरंभ में मुख्यमंत्री ने बाबू कुंवर सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया। इस अवसर पर कलाकारों द्वारा वीर कुंवर सिंह की जीवनी पर आधारित गीत प्रस्तुत किया गया।

मुख्यमंत्री का स्वागत कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के प्रधान सचिव श्री चैतन्य प्रसाद ने पुष्प-गुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर किया। वीर कुंवर सिंह, शोध एवं सेवा संस्थान द्वारा मुख्यमंत्री का स्वागत बड़ी माला पहनाकर, स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र भेंटकर किया गया। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा प्रकाशित चार पुस्तकों- ‘वीर कुंवर सिंह के जीवन पर आधारित पुस्तक’, ‘1857 कुंवर सिंह का लौंग मार्च’, ‘कुंवर सिंह के जीवन पर आधारित चित्रकथा’, ‘विजयोत्सव 2018 स्मारिका’ का विमोचन मुख्यमंत्री सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने किया। सभा को उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, सांसद श्री वशिष्ठ नारायण सिंह, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री कृष्ण कुमार ऋषि, उद्योग मंत्री श्री जय कुमार सिंह, आधुनिक भारतीय इतिहास के विद्वान एवं प्रतिकुलपति, अंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली प्रो0 सलिल मिश्रा, लेखक एवं निदेशक, रुटलेज प्रकाशन, नई दिल्ली डॉ0 शशांक सिन्हा ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री श्री नरेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री श्री गौतम सिंह, पूर्व मंत्री श्री मिथिलेश सिंह, विधायक श्रीमती कविता सिंह, विधायक श्री अषोक सिंह, विधान पार्षद श्री राणा गंगेश्वर सिंह, विधान पार्षद श्री संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, विधान पार्षद श्री संजय सिंह, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव कला, संस्कृति एवं युवा विभाग श्री चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, सचिव पर्यटन विभाग श्री पंकज कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, पूर्व कुलपति, बी0आर0ए0 बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर प्रो0 निहार नंदन सिंह, पूर्व सदस्य सचिव, इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च, नई दिल्ली डॉ0 पी0के0 शुक्ला, पूर्व प्राध्यापक एवं अध्यक्ष इतिहास विभाग एल0एन0 मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा प्रो0 रत्नेश्वर मिश्र, अध्यापक एवं अध्यक्ष, इतिहास विभाग, राॅची विश्वविद्यालय प्रो0 आई0के0 चैधरी, प्राध्यापक इतिहास विभाग, एल0एस0 कॉलेज, मुजफ्फरपुर डॉ0 अशोक अंशुमान, निदेशक, जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं शोध संस्थान, पटना श्री श्रीकांत, अन्य अधिकारीगण, विशिष्ट अतिथिगण एवं बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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