सस्ती जमीन को लेकर अब फर्जीवाड़ा सामने आने लगे है अगर आप भी सस्ती जमीन के चक्कर में पड़े है तो हो जाएं सावधान ! जी हाँ , वैसे तो अपने जगह जगह सस्ती जमीन sale वाले विज्ञापन देखे होंगे जिसमें 1,000 से 6,000 रुपए प्रति वर्ग गज के रेट से सस्ते प्लॉट ऑफर किए जाते हैं। ऐसे समय में जब 10,000 से 50,000 वर्ग फुट के हिसाब से फ्लैट मिल रहे हों। और आप भी उन विज्ञापन को देख एक बार तो सोच में पड़ जाते होंगे कि एक छोटा सा प्लॉट ले ही ले। और इतने सस्ते प्लॉट का ऑफर सही है या नहीं। आप एक बार तो इस कीमत पर जमीन खरीदने के बारे में सोचने भी लगते हैं और विज्ञापन में दिए गए नंबर पर कॉल भी करते हैं। कुछ लोग तो इस चक्कर में फंसकर अपनी जिंदगी भर की कमाई फंसा भी देते हैं।
लेकिन ऐसे समय में यदि आपको पता हो कि विज्ञापन में दिए गए नंबर पर क्या-क्या सवाल करने हैं या प्लॉट खरीदने से पहले क्या इन्कवायरी कर लेनी चाहिए तो आप इस चक्कर में फंसने से बच सकते हैं। तो चलिए आज हम आपको बताएंगे कि सस्ती जमीन या फ्लैट खरीदने से पहले आपको क्या-क्या सवाल करने चाहिए या किस तरह की पड़ताल करके आप बच सकते हैं।
सबसे पहले आपको यह पता करना चाहिए कि जमीन कहा है और किसके कौन उससे सेल कर रहा है और जमीन के पेपर किस के नाम है और जो जमीन बिक रही है उसका लैंड यूज क्या है। दरअसल, सरकार द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि किस इलाके की जमीन को किस परपज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे कि सरकार किसी शहर या जिले को रूरल और अर्बन एरिया में डिवाइड कर देती है। अर्बन एरिया में भी कॉमर्शियल, रेसिडेंशियल या इंडस्ट्रियल एरिया को नोटिफाई किया जाता है।
इसके अलावा ओपन स्पेस, पार्क, पब्लिक स्पेस के लिए भी जमीन को नोटिफाई किया जाता है। इसी तरह रूरल एरिया में भी गांव की आबादी के लिए छोड़ी गई जमीन को लालडोरा एरिया कहा जाता है। इसके अलावा नॉन एग्रीकल्चरल लैंड और एग्रीकल्चरल लैंड में रूरल एरिया में बांटा जाता है। इन दोनों तरह की जमीन पर घर बनाने की इजाजत नहीं है।
आपको बता दे कि जब आप सस्ती जमीन या घर खरीदना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले यह पूछना चाहिए कि जमीन रूरल एरिया में है या अर्बन एरिया में। अगर अर्बन एरिया में भी है तो सवाल करें कि जमीन आर-जोन में आती है। आर जोन का मतलब रेजीडेंशियल एरिया। यानी वहां घर बनाने की इजाजत है या नहीं। अगर आप दुकान के लिए जमीन लेना चाहते हैं तो पता कर लें कि कॉमर्शियल लैंड यूज है या नहीं। कई शहरों में मिक्स लैंड यूज के तहत रेजीडेंशियल एरिया में कॉमर्शियल एक्टिविटी की जा सकती है। यदि यह दोनों नहीं हैं तो इसका मतलब वह अनॉथराइज्ड एरिया है। हो सकता है कि वह खेती की जमीन हो और प्रॉपर्टी डीलर वहां कालोनी बसा रहे हैं।
यदि आप ऐसी जगह जमीन खरीदते हैं तो आपको आगे नुकसान हो सकता है, क्योंकि सरकार वहां आप घर नहीं बनाने देगी। यदि आप अवैध तरीके से घर बना भी देते हैं तो आपको जनसुविधाएं जैसे बिजली-पानी जैसी सुविधा नहीं मिलेगी। और इस बात का भी ध्यान रहे है अगर आप रूरल एरिया में जमीन खरीद रहे हैं तो यह जरूर पता करे कि यह जमीन लालडोरा एरिया आती है या नहीं ! अगर नहीं आती है तो बिलकुल भी न खरीदें।
आपको बता दे कि ज्यादातर प्रॉपर्टी डीलर सस्ती जमीन या फ्लैट के बारे में मौखिक पूछताछ में सच्चाई नहीं बताते, और कई बारे तो प्रॉपर्टी डीलर फर्जी पेपर बनाकर जमीन बेक देते है इसलिए आप कागजात की जांच जरूर कराये । आप सबसे पहले जमीन का खसरा नंबर पता करना चाहिए और उसे खसरे नंबर के आधार पर राजस्व विभाग से पूछताछ करनी चाहिए, ताकि आप गलत जमीन न खरीदें। और सस्ती जमीन के फर्जीवाड़े से बचे।
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