रायपुर : छत्तीसगढ़ के आदिवासी बेल्ट में प्रशासनिक कामकाज को लेकर सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं की नाराजगी के बाद नए सिरे से कवायदें हो सकती है। भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह के बस्तर एवं सरगुजा दौरे के बाद इसी तरह के संकेत मिल रहे हैं। दोनों ही क्षेत्रों में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अफसरों के रवैये को लेकर शिकायतें की है। वहीं यह भी कहा गया है कि अफसरों से उन्हें अपेक्षित सहयोग नहीं मिलता रहा है। इसके चलते भी नाराजगी सामने आई है।
सूत्र दावा करते हैं कि इस मामले में सौदान सिंह के निर्देश पर अफसरों को बदला जा सकता है। चुनाव से पहले संबंधित क्षेत्रों में अफसरों के प्रभार बदलते हुए नई पदस्थापना की जाएगी। हालांकि सरकार ने पहले ही प्रशासनिक फेरबदल की पूरी तैयारी कर ली है। इसके बावजूद संबंधित क्षेत्रों में सरकार अपनी पसंद के साथ भरोसेमंद अफसरों को ही पदस्थ करने के मूड में है। चुनावी साल में सरकार और सत्ताधारी दल किसी भी क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की नाराजगी मोल लेने के पक्ष में नहीं है।
यही वजह है कि शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई हो सकती है। इससे पहले भी पूर्व के वर्षों में भी प्रशासनिक कामकाज और अफसरों के रवैये को लेकर शिकायतें होती रही है। इसके बावजूद इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। इस बार गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई का दबाव बनाया गया है। सौदान सिंह के दौरे के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट भी इन क्षेत्रों को लेकर तैयार होने की संभावना है।
इसमें बस्तर और सरगुजा अंचल में कामकाज के साथ सत्ताधारी दल की स्थिति के अलावा सभी पहलुओं का समावेश हो सकता है। वहीं कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की भी अनुशंसा होगी। माना जा रहा है कि आदिवासी बेल्ट के बाद सौदान सिंह अब मैदानी जिलों में पहुंचेंगे। मैदानी जिलों में भी कार्यकर्ताओं से रूबरू होकर उनकी दिक्कतें दूर करने की कोशिशें होगी।
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