रायपुर: शिक्षाकर्मियों के हड़ताल खत्म कर लौटते ही मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ना सिर्फ गिरफ्तार शिक्षाकर्मियों की रिहाई के आदेश तत्काल जारी किये, बल्कि शिक्षाकर्मियों की मांगों को लेकर दो अलग-अलग कमेटी के गठन करने का आदेश भी दिया। संविलियन को छोड़कर सरकार दो अलग-अलग कमेटी के जरिये शिक्षाकर्मियों की 8 अलग-अलग मांगों विचार करेगी।
मुख्यमंत्री ने सांतवां वेतनमान, वेतन विसंगति और अन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए चीफ सिकरेट्री विवेक ढांढ की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी है, ये कमेटी 3 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी। वहीं पंचायत विभाग के एसीएस आरपी मंडल और वित्त विभाग के प्रमुख सचिव अमिताभ की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी हैज्.जो भत्ता, शिक्षाकर्मी वर्ग तीन के वेतन व अन्य मुद्दों पर अपनी रिपोर्ट देगी।
ये दोनों रिपोर्ट तीन महीने के भीतर राज्य सरकार को मिलेगी। इस रिपोर्ट में जो सिफारिशें की जायेगी, उसके आधार पर शिक्षाकर्मियों के पक्ष में राज्य सरकार बड़ा फैसला लेगी। इससे पहले भी शिक्षाकर्मियों ने अपनी हड़ताल को खत्म करने के अनुरोध पत्र पर इस बात का उल्लेख किया था कि मुख्यमंत्री पर उन्हें पूरा भरोसा है उनकी मांगों पर जरूर विचार किया जायेगा।
हालांकि कमेटी बनाकर शिक्षाकर्मियों की मांगों पर विचार करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री ने शिक्षाकर्मियों के प्रतिनिधिमंडल को 19 नवंबर की रात को ही दिया था, लेकिन उस प्रस्ताव को शिक्षाकर्मियों ने ठुकरा दिया था। मुख्यमंत्री ने हालांकि उसके बाद अपने पुराने प्रस्ताव को हमेशा बरकरार रखा। पिछले दिनों भी मुख्यमंत्री ने साफ-साफ ये कहकर संकेत दे दिये थे कि जब भी शिक्षाकर्मी हड़ताल से लौटेंगे, उन्हें पुराने प्रस्ताव के आधार पर ही हड़ताल से लौटना होगा।