मुंबई : शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 11 हजार 400 करोड़ रुपये के कथित पीएनबी घोटाले के लिये नरेंद्र मोदी सरकार पर आज निशाना साधा। उन्होंने सवाल किया कि नोटबंदी के बावजूद ऐसा कैसे हुआ। ठाकरे ने कहा कि पीएनबी घोटाला ने राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद से जुड़े विवाद को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। ठाकरे ने कहा, ‘‘कैसे हजारों करोड़ रुपये के कर्ज दिये गए। एक के बाद एक घोटाले सामने आ रहे हैं। इस मुद्दे की वजह से राफेल घोटाले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।’’ वह शिवसेना की विधान पार्षद नीलम गोरहे की पुस्तक का विमोचन करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने पार्टी में 20 साल पूरे किये हैं।
पीएनबी घोटाला नीरव मोदी समूह की कंपनियों और उनके मामा मेहुल चोकसी को 11 हजार 400 करोड़ रुपये का कपटपूर्ण तरीके से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) जारी करने से संबंधित है। सीबीआई ने कई लोगों को कथित घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया है, लेकिन नीरव मोदी और चोकसी हाल में मामले के प्रकाश में आने से पहले देश छोड़ चुके थे। उद्धव ने कहा, ‘‘कैसे पिछले दो तीन वर्षों में कुछ लोगों के लिये हजारों करोड़ रुपये बेईमानी से निकालना संभव था जबकि नोटबंदी के दौरान आम लोग जब बैंकों से अपना धन निकालना चाहते थे तो उनसे कई सवाल पूछे जाते थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बड़े लोग भ्रष्टाचार करते हैं और देश छोड़कर चले जाते हैं। हालांकि, गरीब किसान जिन्होंने छोटा कर्ज लिया है, लेकिन वे उसे चुका पाने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें अपनी जान देने पर मजबूर होना पड़ता है।’’ उन्होंने कहा कि देश में आज बैंकों के प्रति संदेह का वातावरण है क्योंकि लोगों ने बैंकिंग क्षेत्र को सुरक्षित मानकर अपने जीवन की कमाई का निवेश किया था। उन्होंने कहा कि हालांकि, जब बैंक किसी वजह से दिवालिया होता है तो सरकार सिर्फ एक लाख रुपये बचाने की जिम्मेदारी लेती है। ठाकरे ने कहा, ‘‘मैंने शिवसेना सांसदों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली से मिलकर एक ज्ञापन सौंपने को कहा है ताकि इस बात पर जोर दिया जा सके कि सरकार :बैंकों में जमा लोगों के धन: की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी ले।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर सरकार हमारी गर्दन मरोड़कर कर वसूल कर सकती है तो हमारे धन की रक्षा क्यों नहीं कर सकती है।’’ हाल में राज्य सरकार द्वारा आयोजित ‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र’ व्यापार सम्मेलन में उनकी अनुपस्थिति के बारे में पूछे गए सवाल पर ठाकरे ने कहा, ‘‘कई एमओयू पर हस्ताक्षर किये जाने के बावजूद वास्तव में कोई काम नहीं हुआ है और सिर्फ भूमिपूजन हो रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं सिर्फ परियोजनाओं के वास्तविक उद्घघाटन के लिये जाऊंगा। कई बार केंद्र और राज्य की नीतियां बदलती हैं और परियोजनाएं नहीं शुरू हो पाती हैं। यह देखना बाकी है कि कितनी परियोजनाएं वास्तव में फलीभूत होती हैं। इस बात को सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाना चाहिये कि निवेश के जरिये हासिल धन को कोई उड़ा नहीं ले जाए, जैसा (नीरव) मोदी ने किया।’’
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