आधार संख्या जारी करने वाले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) का कहना है। UIDAI ने कहा कि आधार संख्या नहीं होने पर भी आवश्यक सेवाओं का लाभ देने से मना नहीं किया जा सकता है। इसमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन मिलना, स्कूलों में दाखिला और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने जैसी आवश्यक सेवाएं शामिल हैं। UIDAI ने एक बयान में सरकारी विभागों और राज्य सरकारों से कहा है कि वह यह सुनिश्चित करें कि आधार संख्या नहीं होने पर आवश्यक सेवाओं और लाभ के वास्तविक लाभार्थी को उसका लाभ लेने से मना नहीं किया जाए, इनमें चाहे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन मिलना, स्कूलों में प्रवेश मिलना, अस्पताल में एडमिट होना और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाए जाने जैसी आवश्यक जरूरतें शामिल हैं।
संस्था ने कहा कि इस संबंध में UIDAI द्वारा 24 अक्तूबर 2017 को जारी उसके सर्रकुलर को गंभीरता से फॉलो किया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आधार के अभाव में असली लाभार्थी को उसके लाभ से वंचित नहीं किया जाए। UIDAI ने कहा है कि उसने इस तरह की रिपोर्टों को गंभीरता से लिया है जिनमें यह कहा गया है कि आधार कार्ड नहीं होने की वजह से अस्पताल में भर्ती होने अथवा इलाज जैसी आवश्यक सेवाओं से वंचित रखा। बता दें कि देश भर से कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां पर आधार नहीं होने की वजह से लोगों को अधिकारियों का अमानवीय बर्ताव का सामना करना पड़ा है।
अब इस आदेश से कई लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। हाल ही में गुरुग्राम में ओरिजनल आधार कार्ड नहीं होने के कारण गर्भवती महिला का सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं किया गया। इसके बाद महिला को मजबूरी में सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। वहीं कुछ महीने पहले झारखंड के सिमडेगा से खबर आई थी कि आधार कार्ड नहीं होने की वजह से राशन डीलर ने एक परिवार को राशन देने से मना कर दिया था जिसकी वजह से एक 11 साल की बच्ची की भूख से मौत हो गई थी।
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