चेन्नई : अमेरिका, जापान और भारत की नौसेनाओं ने आज मालाबार नौसेना अभ्यास-2017 शुरू किया। इस अभ्यास का लक्ष्य तीनों देशों के बीच सैन्य संबंध को मजबूत करना है। बंगाल की खाड़ी में तीनों देशों के नौसेना अभ्यास में अमेरिकी जहाज निमित्ज (सीवीएन68) लक्षित मिसाइल कू्रज यूएसएस प्रिंसटन (सीजी59), लक्षित मिसाइल विध्वंसक यूएसएस होवार्ड (डीडीजी83), यूएसएस शूप (डीडीजी86) और यूएसएस किड (डीडीजी100), एक पोसीडॉन पी -8 ए विमान के अलावा लॉस एंजिलिस का तेजी से हमला करने वाला एक पनडुब्बी भी शामिल है।
एक सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि जापानी समुद्री स्वरक्षा बल जहाज जेएस इजुमा (डीडीएच 183), जेएस सजानामी (डीडी1-13) के अलावा भारतीय नौसेना जहाज जलाश्व और आईएनएस विक्रमादित्य भी संयुक्त नौसेना अभ्यास में हिस्सा लेगी। अभ्यास के 21वें सत्र में समुद्र तट पर और समुद्र में अभ्यास किया जाएगा। इसमें समूह अभियान, समुद्री गश्त और टोही कार्वाई, सतह और पनडुब्बी रोधी युद्ध का अभ्यास किया जाएगा।
इस अभ्यास में चिकित्सा अभियान, खतरा न्यूनीकरण, विस्फोटक आयुध निपटान, हेलीकॉप्टर अभियान और पनडुब्बी रोधी युद्ध का भी अभ्यास किया जाएगा। मालाबार अभ्यास ऐसे समय में किया जा रहा है जब सिक्किम में भारत और चीन की सेनाओं के बीच तानातानी का माहौल है और दक्षिण चीन सागर में बीजिंग ने अपनी उपस्थिति मजबूत की है।
इस बार युद्धाभ्यास का फोकस है एन्टी सबमरीन ऑपरेशन यानी कैसे मिलकर दुश्मन की पनडुब्बी को मार गिराया जाए। हिंद महासगार के बंगाल की खाड़ी में होने इस युद्धभ्यास पर चीन की काफी टेढ़ी नजर है। वो हमेशा इस अभ्यास को संदेह से देखता है कि उसे लगता है ये सब उसको घेरने के लिए किया जा रहा है क्योंकि इन देशों का चीन के साथ किसी ना किसी मुद्दे पर विरोध रहा है। जाहिर है ऐसे वक्त में जब भारत की चीन के साथ टकराव जगजहिर है ऐसे में तीनों देशों की नौसेना मिलकर संयुक्त अभ्यास करने से चीन का अखरना लाजिमी है।