लखनऊ : रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री के उत्पादन में तीन साल के अंदर पांच गुना वृद्धि करने और इसमें मदद के लिये फतेहपुर में रेल एंसीलरी पार्क बनाने समेत उत्तर प्रदेश में रेलवे से जुड़ी कई महत्वपूर्ण योजनाओं का एलान किया। गोयल ने ‘यूपी इन्वेस्टर्स समिट’ के दूसरे और अंतिम दिन ‘कारोबार सुगमता’ से सम्बन्धित सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि उनका मंत्रालय काफी वक्त तक उपेक्षित रहने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से गतिमान हुई रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री में प्रतिवर्ष उत्पादन स्तर को अगले तीन साल के दौरान मौजूदा 600 से बढ़ाकर तीन हजार कोच तक ले जाने की योजना बना रहा है।
रेल मंत्री ने कहा कि कोशिश होगी कि अगले साल इस फैक्ट्री में एक हजार कोच, उसके अगले साल दो हजार और उसके अगले वर्ष तीन हजार कोच बनाये जाएं। अगले छह-आठ माह में करीब 480 करोड़ रुपये की लागत से दो हजार रेल कोच उत्पादन क्षमता हासिल कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय फतेहपुर में एक रेल एंसीलरी पार्क बनाएगा। यह इकाई रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री के लिये उपकरण उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा रेल मंत्रालय बुंदेलखण्ड अंचल में झांसी के पास अपनी 300 एकड़ जमीन पर रेल रीफर्बिशमेंट इकाई भी स्थापित करेगा। इसमें राजधानी, दूरंतो और शताब्दी के डिब्बों को तो ठीक किया ही जाएगा, मगर उनसे पहले जनरल श्रेणी के कोच ठीक किये जाएंगे।
रेल मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय बहराइच के कतर्नियाघाट से लखीमपुर खीरी के दुधवा नेशनल पार्क में मैलानी के बीच मीटर गेज की रेल लाइन को धरोहर के रूप में तैयार करेगा। इसके लिये कानूनी अड़चनों को दूर किया जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप वहां फाइव स्टार सुविधाएं दी जाएंगी, मगर इसमें स्थानीय पारिस्थितिकी का पूरा ख्याल रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि गोरखपुर में इलेक्ट्रिक लोको शेड के लिये रेलवे को रक्षा स्वीकृतियां मिल गयी हैं। उनका काम तुरंत शुरू किया जाएगा। यह लोकोशेड पूरे देश के रेल विभाग के शत-प्रतिशत विद्युतीकरण की हमारी कल्पना से मेल खाता है।
गोयल ने यूपी इन्वेस्टर्स समिट की तुलना ‘कुम्भ मेले‘ से करते हुए कहा कि यह निवेशकों, कारोबारियों और उद्यमियों का कुम्भ है और यह समृद्धि का कुम्भ भी है। उत्तर प्रदेश ने पिछले दोनों के दौरान पूरी दुनिया को संदेश दिया है कि यह राज्य निवेश के लिये बेहतरीन जगह बन चुका है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी की सराहना करते हुए कहा कि पूर्व में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नोएडा जाने से कतराते थे। मायावती और अखिलेश यादव हवाई मार्ग से नोएडा के ऊपर से निकल गये, मगर वहां गये नहीं, लेकिन योगी ने इस मिथक को तोड़ा है। वह बार-बार नोएडा गये हैं और संदेश दिया है कि यह सरकार अंधविश्वास से नहीं चलती। मुख्यमंत्री योगी ने सत्र के दौरान अपने सम्बोधन में कहा कि रेल मंत्रालय उत्तर प्रदेश के विकास में योगदान कर रहा है। ईस्टर्न फ्रेट कारिडोर और वेस्टर्न फ्रेट कारीडोर तो उत्तर प्रदेश से होकर गुजरते हैं और दादरी में दोनों मिल जाते हैं।
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