लखनऊ : योगी सरकार ने सपा-बसपा को झटका देते हुए अखिलेश सरकार में नियुक्त हुए सरकारी वकीलों की छुट्टी कर दी है। सरकार की ओर से जारी सूची में कुछ पुराने नाम हटा दिए गए हैं। वहीं नए वकीलों को इसमें शामिल किया गया है। सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय में सरकार के मुकदमों की पैरवी कर सकें, इसके लिए सरकारी वकीलों की बहुप्रतीक्षित सूची जारी की गई है। इसके तहत यूपी सरकार ने पूर्व में नियुक्त एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड को हटाते हुए सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के लिए 22 एडवोकेट ऑन रिकार्ड नियुक्त किए हैं। इसमें श्रीप्रकाश सिंह को मुख्य स्थायी अधिवक्ता प्रथम बनाया गया है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में आठ और लखनऊ बेंच में चार अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता नियुक्त किए गए हैं। 2017 में योगी सरकार के आने के बाद बीते वर्ष जारी सरकारी वकीलों की सूची में सपा और बसपा से जुड़े वकीलों के नाम शामिल होने के बाद इसका विरोध किया गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट में 153, तो लखनऊ बेंच में 62 स्टैंडिंग काउंसिल नियुक्त किए गए हैं। इसी के साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में 105 और लखनऊ बेंच में 111 ब्रीफ होल्डर सिविल की नियुक्ति हुई है।
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