राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तराखंड सरकार को निर्देश दिया है कि वह गोमुख और हरिद्वार के बीच गंगा नदी की साफ – सफाई के लिए अपनी ओर से उठाए गए कदमों पर चार हफ्ते के भीतर प्रतिशत वार निपटारा रिपोर्ट सौंपे।
एनजीटी के कार्यवाहक अध्यक्ष न्यायमूर्ति जवाद रहीम की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकार से कहा कि वह कार्य प्रगति पर होने के संकेत देने की बजाय निपटारे के चरण को लेकर स्पष्ट रिपोर्ट दे। एनजीटी ने राज्य सरकार को 19 जुलाई तक निपटारा रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
इस बीच , पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) विधायकों की ओर से व्यास और सतलुज नदी में प्रदूषण को लेकर दायर की गई अर्जी पर एनजीटी ने केंद्र और पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया और इन इलाकों के निरीक्षण के आदेश दिए।
‘ आप ’ विधायकों का आरोप है कि व्यास और सतलुज नदियों में मरी हुई मछलियां और अन्य मृत जलीय जीव तैरते पाए गए थे।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से संयुक्त निरीक्षण के आदेश देते हुए जवाद रहीम की अध्यक्षता वाली पीठ ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय , जल संसाधन मंत्रालय , केंद्रीय भूजल प्राधिकरण , पंजाब एवं राजस्थान सरकारों , पंजाब प्रदूषण बोर्ड और अन्य को नोटिस जारी किया।
एनजीटी ने निरीक्षण टीम को प्रभावित इलाकों के निरीक्षण का निर्देश दिया और कहा कि वे प्रदूषण के स्रोत की पहचान करने के बाद जलीय जंतुओं के कथित रूप से मारे जाने पर रिपोर्ट सौंपें।
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे।