हरिद्वार : मृत्युजंय मिशन वैदिक आयुर्विज्ञान प्रतिष्ठान के तत्वाधान में विगत चार दिनों से आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय मर्म विज्ञान एवं चिकित्सा प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन प्रमाणपत्र वितरण के साथ हुआ। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.महावीर प्रसाद अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित समापन समारोह में श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष दीपक नौटियाल, संस्कृत के विद्वान प्रताप सिंह डा. ज्ञान प्रकाश विशिष्ठ अतिथि रहे।
डा. प्रेमचन्द शास्त्री के संचालन में आयोजित समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए प्रो. महावीर प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि मर्म चिकित्सा मानवता को आरोग्यता प्रसन्नता, और शान्ति प्रदान करने का माध्यम है, जो हमारे ऋषि मुनियों की देन है। उन्होंने मर्म चिकित्सा को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलवाने का आहवान करते हुए नये प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि धन का अर्जन करना मात्र जीवन का उद्देश्य नहीं होना चाहिए ऋग्वेद में हमारे ऋषि मुनियों ने संसार के मंगल की कामना करते हुए सबके लिए सुख समृद्धि और आरोग्यता प्राप्त हो ऐसी कामना की है श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष दीपक नौटियाल ने कहा कि मर्म चिकित्सा दैवीय विद्या है जो विलुप्त हो चुकी थी।
डा. सुनील जोशी और उनका मृत्युंजय मिशन इस आलौकिक विद्या को पुनः प्रतिष्ठित करने का कार्य कर रहा है। कार्यशाला में आये हुए अतिथियों प्रतिभागियों सहयोगियों एवं चिकित्सकों का आभार प्रकट करते हुए डा. सुनील जोशी ने कहा कि मृत्युंजय मिशन निरन्तर मर्म चिकित्सा को देश विदेश में प्रचारित प्रसारित करने का कार्य कर रहा है उन्होंने उत्तराखंड सरकार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि आयुष मंत्रालय मर्म चिकित्सा के प्रचार प्रसार में निरन्तर सहयोग प्रदान कर रहा है। कार्यशाला के अन्तिम दिन डा. वीके श्री वास्तव डा किरण, डा. जीबी चंद, यू एस ए से आये राजा सूर्यदेवरा, राजेंद्र प्रसाद जोशी, इटली से आई इलेनोरा, जेनकेली, श्वेतलाना, आदि ने कार्यशाला के अनुभव मंच के माध्यम से साझा किये।
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– संजय चौहान