नई दिल्ली: वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को देश के उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली है। वह देश के 13वें उपराष्ट्रपति बने हैं। इसके साथ ही वह राज्यसभा के सभापति भी बन गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एम. वेंकैया नायडू का राज्यसभा के सभापति के तौर पर स्वागत किया और उनके बारे में कई बाते कहीं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कहा कि वेंकैया नायडू सदन की हर बारीकी से परिचित हैं। वह ऐसे सभापति हैं जिन्हें सदन की कार्यवाही की पूरी जानकारी है। सार्वजनिक जीवन में वह जेपी आंदोलन की वह पैदाइश हैं। उस समय जो आंदोलन चला वह आंध्र प्रदेश में युवा नेता के तौर पर आगे बढ़कर नेतृत्व करते दिखाई दिए। कई वर्षों तक मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला । पीएम ने आगे कहा कि वेंकैया नायडू आजाद भारत में जन्म लेने वाले पहले उपराष्ट्रपति हैं। वह किसान के बेटे हैं और कई साल तक उनके साथ काम करने का मौका मिला. शहरी विकासमंत्री रहते हुए भी उन्हें किसानों की चिंता रहती थी। इसमें कोई शक नहीं कि आज सभी समान्य लोगों का बड़े संवैधानिक पदों पर पहुंचना लोकतंत्र की ताकत है।
वही गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वेंकैया नायडू इस सदन के लिए नए नहीं हैं। हम आपसे लड़ते भी रहे और झगड़ते भी रहे, लेकिन सदन के बाहर जाकर सदन चलाने पर सहमत भी हुए। इस सदन में कई लोग हैं, जो नीचे से उठकर ऊंचे पदों पर आए। इसके पीछे एक ताकत है और वह है लोकतंत्र, उसे नहीं भूलना चाहिए. देश की आजादी में सुभाष चंद्र बोस, जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल के योगदान को कौन भूल सकता है। इनकी कुर्बानियों की बदौलत ही हमें संविधान मिला। उसी की वजह से हम लोगों में से कोई भी राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री कुछ भी बन सकता है।
हामिद अंसारी के बयान का ये दिया जवाब
वहीं हामिद अंसारी ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन मुस्लिमों की बेचैनी की बात की थी. इसके जवाब में उप-राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले वेंकैया नायडू ने बिना नाम लिए अंसारी के बयान पर निशाना साधा। उन्होंने देश में अल्पसंख्यकों के बीच असुरक्षा की भावना होने की बात को महज ‘राजनीतिक प्रचार’ बताकर खारिज कर दिया। वेंकैया नायडू ने यद्यपि किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणी को पूर्व उप-राष्ट्रपति अंसारी के एक टीवी साक्षात्कार की प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के मुसलमानों में असहजता और असुरक्षा की भावना है, और ‘स्वीकार्यता का माहौल’ खतरे में है।
नायडू ने कहा, ‘कुछ लोग कह रहे हैं कि अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं। यह एक राजनीतिक प्रचार है. पूरी दुनिया के मुकाबले अल्पसंख्यक भारत में ज्यादा सकुशल और सुरक्षित हैं और उन्हें उनका हक मिलता है। उन्होंने इस बात से भी इत्तेफाक नहीं जताया कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है और कहा कि भारतीय समाज अपने लोगों और सभ्यता की वजह से दुनिया में सबसे सहिष्णु है. उन्होंने कहा कि यहां सहिष्णुता है और यही वजह है कि लोकतंत्र यहां इतना सफल है।
गोपालकृष्ण गांधी को 272 वोटों से हराया
वेंकैया नायडू ने विपक्ष के उम्मीदवर गोपालकृष्ण गांधी को 272 वोटों से हराया था। वेंकैया नायडू को 516 वोट मिले जबकि गोपालकृष्ण गांधी को 244 मत मिले।
विजय गोयल, सांवरलाल जाट, अनु आगा, एनके सारनिया, अब्दुल वहाब, पीके कुन्हालीकुट्टी, कुणाल कुमार घोष, तापस पॉल, प्रोतिमा मंडल, अभिषेक बनर्जी, मौसम नूर, रानी नारा उदयनराजे भोसले , अंबुमनि रामदौस वोटिंग में हिस्सा नहीं ले पाए थे।
कुछ ऐसा रहा राजनीतिक सफर
वेंकैया नायडू का जन्म 1 जुलाई, 1949 को आंध्रप्रदेश के नेल्लोर जिले में हुआ.नेल्लोर से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वहीं से राजनीति में स्नातक किया। विशाखापट्टनम के लॉ कॉलेज से अंतरराष्ट्रीय कानून में डिग्री ली. कॉलेज के दौरान ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए।
नायडू पहली बार 1972 में जय आंध्रा आंदोलन से सुर्खियों में आए. 1975 में इमरजेंसी में जेल भी गए थे। -1977 से 1980 तक यूथ विंग के अध्यक्ष रहे. महज 29 साल की उम्र में 1978 में पहली बार विधायक बने. 1983 में भी विधानसभा पहुंचे और धीरे-धीरे राज्य में भाजपा के सबसे बड़े नेता बनकर उभरे. बीजेपी के विभिन्न पदों पर रहने के बाद नायडू पहली बार कर्नाटक से राज्यसभा के लिए 1998 में चुने गए। इसके बाद से ही 2004, 2010 और 2016 में वह राज्यसभा के सांसद बने।