पटना : केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संविधान व लोकतंत्र के माध्यम से भीमराव अम्बेडकर के देश बदलने की सोंच पर चलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश के दलित, आदिवासी महिलाओं को डिजिटल साक्षर बनाकर देश में बदलाव लाना ल क्ष्य है। कॉमन सर्विस सेंटर के तहत भारत में 300 डिजिटल सेवा कार्य कर रही है। होटल मौर्या में बीएलई सम्मेलन को संबोधित कर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सीएससी के तहत पूरे देश में दस लाख बच्चे काम कर रहे हैं।
बिहार में 22 लहजार 613 कॉमन सेंटर है। 7 करोड़ दलित, गरीब, आदिवासी महिलाओं को डिजिटल साक्षर बनाने का लक्ष्य है जिसमें एक करोड़ 12 लाख लोग ट्रेंड हो चुके हैं। इसमें डेढ़ लाख लोग अनु. जाति के हैं। बिहार में सीएससी के माध्यम से आठ लाख दो हजार लोग साक्षर हुए जिसमें दो लाख शिड्यूल कॉस्ट के लोग हैं।
पूरे भारत में 39 हजार शिड्यूल कॉस्ट के बीएलई में 52 हजार बीएलई महिलाएं हैं। दो बीएलई डिजिटल सेवा के माध्यम से प्रतिवर्ष एक करोड़ एवं इस बीएलई को 40 लाख प्रतिवर्ष की कमाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की आबादी 130 करोड़ है जिसमें 121 करोड़ लोगों के पास मोबाइल है। केन्द्र प्रायोजित योजनाओं से लोगों को मिलने वाला पैसा बिचौलियों के पास न जाकर सीधे इनके खाते में पहुंचे इसके तहत 31 करोड़ की बचत हुई। 12 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य कार्ड से जोड़ा गया।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत देश के 12 करोड़ लोगों के बीच साढ़े पांच लाख करोड़ रुपया लोन वितरित किया गया। जिसमें 8 करोड़ महिलाएं एवं दो लाख 18 हजार अनु. जाति के हैं। बिहार में इस योजना के तहत एक करोड़ 2 लाख लोगों को लोन दिया गया।
उन्होंने कहा कि गांवों को टेक्नोलॉजी के माध्यम से बदलाव किया जायेगा। विभागीय मंत्रालय फंड से अच्छे कार्य करने वाले बीएलई पुरस्कृत होंगे। इस अवसर पर विधायक अरूण कुमार सिन्हा, नितीन नवीन, संजीव चौरसिया, सीएससी एसपीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश त्यागी, बैजयंती देवी समेत अन्य उपस्थित थे।
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