राहुल गांधी के रवैये से नाराज चल रहे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस बार चुनाव नहीं लड़ने की धमकी देकर एकाएक प्रदेश के राजनैतिक महौल को गरमा दिया है। वीरभद्र सिंह ने अपने फैसले की जानकारी न केवल विधायक दल की बैठक में दी बल्कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी एक पत्र लिखा है। वीरभद्र सिंह के रवैये से पार्टी में नया संकट खड़ा हो गया है। बता दें कि हाईकमान ने चुनाव की कमान वीरभद्र सिंह को नहीं सौंपी है इसलिए इसे दबाव की राजनीती भी समझा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा सत्र के आखिरी दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। जिसमे सूत्रों के अनुसार वीरभद्र ने मंत्रियों विधायकों को बताया कि वर्तमान हालातों में वे चुनाव नहीं लड़ सकते। दरअसल प्रदेश अध्यक्ष सुक्खू को लेकर भी उन्होंने आपत्ति जताई है। इसके अलावा हाईकमान के हिमाचल कांग्रेस का सुशील कुमार शिंदे को प्रभारी बनाए जाने से भी वीरभद्र खेमे को झटका लगा है।
हाईकमान के हिमाचल कांग्रेस का सुशील कुमार शिंदे को प्रभारी बनाए जाने के बाद वीरभद्र खेमे को झटका लगा है। खेमा टिकट आवंटन में वीरभद्र सिंह को कमान दिए जाने की पैरवी शिंदे से करता रहा है।
लेकिन उन्होंने मामला हाईकमान पर डालकर टाल दिया है। प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की बात भी शिंदे टाल चुके हैं। हाईकमान के इस संकेत ने वीरभद्र की नाराजगी बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री चाहते है कि चुनाव में प्रत्याशी का चयन उनके हिसाब से किया जाए।
बता दें कि वीरभद्रसिंह द्वारा उठाई गई प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की बात भी शिंदे टाल चुके हैं. हाईकमान के इस संकेत ने वीरभद्र की नाराजगी बढ़ा दी है. मुख्यमंत्री चाहते है कि चुनाव में प्रत्याशी का चयन उनके हिसाब से किया जाए. जो वर्तमान की परिस्थितियों में सम्भव नहीं लग रहा है. इसी कारण सीएम ने अगला चुनाव न लड़ने की बात कही है।