केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गैरकानूनी तरीके से भारत आये म्यांमार के रोहिंग्या समुदाय के लोगों को वापस भेजने के मामले में सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अपना पक्ष रख दिया है और अब इस मामले में अदालत के फैसले का इंतजार है। आज यहां एक कार्यक्रम में शिरकत के बाद सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय में रोहिंज्ञा मामले में हलफनामा पेश कर दिया है। इसमें सरकार ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।
उन्होंने कहा कि अब हमें उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिये। इससे पहले भी सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि गैरकानूनी तरीके से भारत आये रोहिंज्ञा समुदाय के लोगों को वापस भेजा जायेगा। सरकार के इस रुख को रोहिंग्या समुदाय के दो शरणार्थियों ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। सरकार की तरफ से इस मामले में आज अदालत के समक्ष हलफनामा पेश कर अपने रुख की जानकारी दी जानी थी। इस बारे में सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा अदालत में एक हलफनामा पेश किया गया है।
अब इस मामले में जो भी फैसला होना है वह अदालत द्वारा किया जायेगा। मैं समझता हूं कि हम सबको अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिये। मंत्रालय ने अदालत में पेश हलफनामे में रोहिंग्या मुसलमानों को अवैध आव्रजक बताते हुये कहा है कि भारत में इनके सतत निवास से राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर प्रभाव होंगे। भारत में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग द्वारा पंजीकृत रोहिंग्या शरणार्थी याचिकाकर्ताओं ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार नियमों का हवाला देते हुये भारत पहुंचे रोहिंग्या समुदाय के लोगों को शरणार्थी का दर्जा देने की मांग की है।