प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आरोप लगाया कि अपने गढ़ उत्तर प्रदेश में सफाये के बाद कांग्रेस अब 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख कर उनके गृहराज्य गुजरात में सामाजिक तनाव बिगाड़ने का प्रयास कर रही है।
नरेंद्र मोदी ने हार्दिक पटेल की पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति को कथित तौर पर 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण का फार्मूला देने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल पर भी निशाना साधा और उन्हें कांग्रेस के सारे झूठे मुकदमों की पैरवी करने वाला वकील करार दिया।नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2007 के गुजरात चुनाव के दौरान सिब्बल ने दावा किया था कि मै जेल जाने वाला हूं। पर दस साल बीत जाने के बावजूद ऐसा नहीं हुआ।
पूरी इच्छा होने के बावजूद कांग्रेस ऐसा नहीं कर पायी और अब राज्य में एक बार फिर झूठ फैला रही है। उन्होंने यहां एक चुनावी रैली में आज कहा,‘इस चुनाव में इतना झूठ। कांग्रेस के सारे झूठे मामलों की वकालत करने वाले सिब्बल ने 2007चुनाव में वीरमगाम में कहा था कि मोदी जेल में रहेगा। पर मै अभी तक यहां हूं कि नहीं। 2007 के बाद 2014 तक इनकी सरकार थी।
इनका पक्का मन और इरादा होगा कि मुझे जेल में डाला जाये पर जब तुम 10 साल बाद भी मोदी को जेल में नहीं भेज पाये तो फिर गुजरात के लोगों को अब उल्टा पाठ क्यों पढ़ रहे हो। तब तुमने डर फैलाने के लिए यह कहा था पर जो डर जाये वह गुजरात ही नहीं। इस बार लालच दे रहे हो।
पर ऐसे ऐसे लॉलीपॉप (पाटीदार समुदाय को आरक्षण दिलाने के वादे की ओर इशारा) लेकर घूमने वालों को गुजरात जेब में लेकर घूमता है। तुम सच्ची बात करो। 70 साल में तुमने जो नहीं किया उसका वादा करने निकले हो। समाज को भ्रमित करने के लिए लालच दे रहे हो।’ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस का गढ़ था पर वहां ही इसका सफाया हो गया। लोगों ने इनको दूसरा तीसरा चौथा या पांचवां स्थान भी नहीं आलू के जैसा शून्य दिया जबकि वहां के लोग इनको सबसे अधिक पहचाते हैं।
यह सोचने की बात है कि इन लोगों ने वहां कितना गलत किया होगा कि लोगों ने इनको बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद कांग्रेस यह सोच कर कि वह प्रधानमंत्री बन कर राज्य से बाहर हैं, गुजरात में सामाजिक तनाव ऐसा बिगाड़ना चाहती है कि लोग 2019 के चुनाव से पहले उन्हें गाली देने लगें और इनकी दुकान फिर से चालू हो जाये। पर अपनी सामाजिक एकता और सदभावना के बल पर ही विकास का मॉडल बने गुजरात में ऐसा प्रयास पहले भी विफल हो चुका है।