पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में समृद्ध बिहार, गौरवशाली बिहार में युवाओं की भूमिका विषय पर आयोजित युवा सम्मेलन का दीप प्रज्ज्वलित कर उदघाट्न किया। सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले मैं आयोजकों को इस बात के लिए बधाई देता हूॅ कि आपने समृद्ध बिहार, गौरवशाली बिहार में युवाओं की भूमिका जैसे विषय पर इस युवा सम्मेलन का आयोजन किया।
आज देश और राज्य के लिए युवा पीढ़ी सबसे बड़ी ताकत है। युवाओं के बिना न तो हम अपने राज्य को समृद्ध बना सकते हैं और न ही अपने अतीत के गौरव को प्राप्त कर सकते हैं। आज के इस सम्मेलन में जो प्रस्ताव पारित किये गये हैं, वे संक्षिप्त और सारगर्भित हैं। इस प्रस्ताव में पर्यावरण पर चिंता प्रकट की गई है, इस पर युवाओं को सही सोच रखना बहुत आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ से पृथ्वी विनष्ट होने की कगार पर पहुंच गया है। गांधी जी कहा करते थे कि धरती हमारी जरुरतों को पूरा करने में सक्षम है, लालच को नहीं। आज नदियों की स्थिति कैसी हो गई है, यह सभी लोग जानते हैं। बचपन में मैं खुद गंगा नदी में स्नान कर, पीने के लिए स्वच्छ पानी घर ले जाया करता था। आज गंगा नदी की स्थिति को ठीक करने के लिए निर्मलता एवं अविरलता पर ध्यान देने की जरुरत है।
बगैर अविरलता के गंगा की निर्मलता को बरकरार नहीं रखा जा सकता है। युवाओं में पर्यावरण के प्रति इस तरह के भाव से मुझे खुशी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज सुधार के लिए भी काम कर रहे हैं। शराबबंदी, नशामुक्ति के साथ-साथ बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। पर्यावरण के लिए भी काम किया जा रहा है।
जब बिहार और झारखंड एक था तो उस समय वन क्षेत्र पर्याप्त हुआ करता था लेकिन बंटवारे के साथ बिहार का हरियाली क्षेत्र 9 प्रतिशत से भी कम हो गया। जब हमने अध्ययन करवाया तो आबादी के घनत्व के हिसाब से अधिकतम हरियाली क्षेत्र 17 प्रतिशत तक किया जा सकता है। तीन साल पहले 13 प्रतिशत के आस-पास हमारे यहॉ हरियाली क्षेत्र था, सर्वेक्षण रिपोर्ट आने वाली है, उम्मीद है करीब-करीब 15 प्रतिशत ग्रीन कवर क्षेत्र तक पहुंच जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पार्टी में सदस्यता ग्रहण करने के लिए कम से कम एक वृक्षारोपण अनिवार्य है। हमने भी अपने गांव से पेड़ लगाकर इसकी शुरुआत की थी। इस तरह 10 लाख से ज्यादा लोगों ने सदस्यता ग्रहण कर ली है। सरकारी स्तर पर भी इस काम को मिशन मोड में किया जा रहा है, इसके लिए हरियाली मिशन का गठन किया गया और 24 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी सुविधा एवं आराम के लिए प्रकृति से छेड़छाड़ की जा रही है, ये अच्छी बात नहीं है। प्रकृति का सौंदर्य अपने आने वाली पीढिय़ों के लिए सुरक्षित रखने की जरुरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कल सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसी बातों को पब्लिसिटी मिल रही है, जिससे समाज में तनाव का वातावरण पैदा हो रहा है। राजनीति में तनाव करने वालों को जगह दी जा रही है। हम प्रेम, सद्भाव और शांति में विश्वास रखते हैं। हमारा लक्ष्य न्याय के साथ विकास है। हर तबके का विकास, हर इलाके का विकास।
हमने हर तबके, हर मजहब, हर जाति की सेवा की है। आंकड़े उठाकर देख लीजिए जमीन पर सब दिख जाएगा। आज सड़क, बिजली की स्थिति कितनी अच्छी है। विकास के कार्यों में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है। हर गांव तक बिजली पहुंच गई है। इस साल के अंत तक प्रत्येक घर तक बिजली पहुंच जाएगी। सात निश्चय के अंतर्गत हर घर तक नल का जल, पक्की गली-नाली का निर्माण किया जा रहा है। चार साल के अंदर इन सब कामों को पूरा कर लिया जाएगा। कुआं और चापाकल को भी सुरक्षित रखा जाएगा। विकेंद्रीकृत तरीके से इन कामों को किया जा रहा है।
जल गुणवत्ता प्रभावित वाले इलाकों में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के द्वारा शुद्ध जल की व्यवस्था की जा रही है। शौचालय का निर्माण भी तेजी से किया जा रहा है। अगर खुले में शौच से मुक्ति और शुद्ध पीने का पानी मिल जाए तो होने वाली 90 प्रतिशत बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की 76 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। कृषि के विकास के लिए हाल ही में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी के द्वारा तीसरे कृषि रोड मैप का उदघाट्न किया गया।
राज्य में प्रशासनिक सुधार के लिए भी काम किए जा रहे हैं। वर्ष 2011 में लोक सेवा का कानून लाया गया, जिसमें 51 तरह की सेवाओं को शामिल किया गया। 16-17 करोड़ से ज्यादा लोगों को सेवा का लाभ प्राप्त हो चुका है। बिहार पहला राज्य है, जहां लोक शिकायत निवारण के लिए लोगों को अधिकार दिये गये, इसके लिए लोक शिकायत निवारण कानून लाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में परिवर्तन साफ दिख रहा है।
लड़कियॉ झुंड में साइकिल से स्कूल जा रही हैं। सात निश्चय कार्यक्रम में से दो निश्चय युवाओं के लिए बनाए गए हैं। जो बच्चे गरीबी के कारण प्लस टू के बाद की पढ़ाई नहीं कर पाते थे, उनके लिए 4 लाख रुपये की राशि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के जरिए देने का प्रावधान है। बैंकों की उदासीनता के चलते इस कार्य को राज्य सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष से शिक्षा वित्त निगम के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।
रोजगार की तलाश में भटकने वाले युवाओं के लिए राज्य सरकार स्वयं सहायता भत्ता उपलब्ध करा रही है। रोजगार को मजबूती प्रदान करने के लिए 240 घंटे का युवा कुशल कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें कंप्यूटर ज्ञान, संवाद कौशल एवं व्यवहार कौशल सिखाया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के छात्र एवं छात्राओं को शिक्षा के लिए बाहर जाना न पड़े, इसके लिए राज्य में पांच नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं।
प्रत्येक जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज, जीएनएम संस्थान, पारा मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। प्रत्येक अनुमण्डल में आईटीआई एवं एएनएम संस्थान खोले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कानून का राज हमने कायम किया है और इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हमने भ्रष्टाचार से भी कोई समझौता नहीं किया है। कुछ लोग समाज में उतावलापन, उद्विग्नता से प्रेम और सद्भाव का माहौल खराब करना चाहते हैं।
हमलोग समाज की जागृति से, अच्छी सोच से एवं प्रशासन की मुस्तैदी से इसे सफल नहीं होने देंगे। बातों को दुष्प्रचारित किया जा रहा है। मामले की बिना पड़ताल किए हुए कोई बात नहीं करनी चाहिए। यह हम सब का दायित्व है कि सही बातें लोगों तक पहुंचे। समाज में सद्भाव बिगाडऩे की बात को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं पांच बार सांसद रहा हूं और मुझे समाज के हर तबके ने वोट दिया है। मेरी जिम्मेदारी सबके प्रति है। प्रेम अच्छे व्यवहार से होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकाय संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। अनसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों में जो अति पिछड़े हैं, उनको भी आरक्षण दिया। बिहार में कर्पूरी ठाकुर जी के नेतृत्व में आरक्षण लागू किया गया और केंद्र में वी0पी0 सिंह के नेतृत्व में मंडल कमीशन लागू किया गया। आरक्षण कोई भी खत्म नहीं कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1967 में नौ जगहों पर देश में गैर कांग्रेसी सरकार बनी थी। लोहिया जी ने उस समय कहा था कि सरकार में हों तो जुबान से मत बोलो, तुम्हारा काम बोले। उस समय मैं विद्यार्थी था और यह बात मेरे दिमाग में बैठ गई। हमारी प्राथमिकता जनसेवा है, जिसमें विकास के हर तरह के काम किए जा रहे हैं। हम काम करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे, जब तक बिहार के लोगों की इच्छा होगी। कुछ लोग सेवा सत्ता पाने के लिये करते हैं, मेवा पाने के लिए नहीं। हमारी प्रतिबद्धता बिहार के प्रति है,
बिहार के लोगों के प्रति है। हमने किसी के प्रति भेदभाव नहीं किया है, चाहे वे ऊंची जाति के हों, पिछड़ी जाति के हों, अति पिछड़ी जाति के हों, दलित हों, महादलित हों, पुरुष हों, महिला हों। सद्भाव बिगाड़कर तत्काल लाभ प्राप्त किया जा सकता है लेकिन इसके दीर्घकालिक रुप से बहुत घाटा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग चम्पारण शताब्दी वर्ष मना रहे हैं। बापू की अहिंसा और सत्याग्रह के मार्गों को अपनाकर आगे बढऩे की प्रेरणा मिलती है, इस विचार से प्रेम-सद्भाव का विकास किया जा सकता है। हम लोहिया जी को मानने वाले हैं, जेपी के चरणों में बैठकर सीखे हैं।
कर्पूरी ठाकुर, गांधी जी को मानते हैं। युवाओं के सम्मेलन में आप सब युवा इतनी बड़ी संख्या में इक_ा हुए, इसके लिए मैं आप सबका स्वागत करता हूॅ। राजनीति में जो स्थान प्राप्त हुआ है, वह जनता की सेवा के लिए समर्पित है। इस अवसर पर युवा सम्मेलन में दो प्रस्ताव भी रखे गए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को पुष्प-गुच्छ, अंगवस्त्र भेंट किया गया।
कार्यकर्ताओं ने फू लों की बड़ी माला पहनाकर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। इस अवसर पर जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, जल संसाधन तथा योजना एवं विकास मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी, विधायक श्री मनीष कुमार, विधान पार्षद नीरज कुमार, विधान पार्षद दिलीप चौधरी, विधान पार्षद तनवीर अख्तर, विधान पार्षद रामचंद्र भारती, पूर्व विधायक अरुण मांझी, जदयू युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुशवाहा ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा वर्ग एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
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