भोपाल: स्मार्ट सिटी के निर्माण का मूल उद्देश्य शहरवासियों के जीवन को सुलभ, सुगम और सुविधायुक्त बनाना है। स्मार्ट सिटी की योजना एक मिशन है और इसके तहत किए गए कार्य अन्य शहरों के लिए मिसाल बनेंगे। यह बात नगरीय विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने दो दिवसीय स्मार्ट सिटी एक्सपोजर कम ट्रेनिंग प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना स्मार्ट सिटी में भारत के 100 शहर शामिल किए गए। इसमें मध्यप्रदेश ही एक मात्र राज्य है जहां सर्वाधिक 7 शहर भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर और सतना को इस योजना में शामिल किया गया।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी की अवधारणा नागरिकों को बुनियादी सुविधा के साथ-साथ गुणवत्ता का स्वच्छ और टिकाऊ पर्यावरण उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि इसके लिए नागरिकों के साथ समन्वय स्थापित कर उन्हें भी प्रोजेक्ट की बारीकियों से अवगत कराना जरूरी है।
इस मौके पर आयुक्त नगरीय विकास विवेक अग्रवाल ने स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत किए गए विभिन्न कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि दो दिवसीय कार्यशाला के पहले दिल भोपाल में पब्लिक बाईक शेयरिंग, स्मार्ट पोल और इंटेलिजेंट स्मार्ट लाइट, साइकिल ट्रेक तथा बायोमिथेन प्लांट के बारे में जानकारी दी जाएगी तथा दूसरे दिन इंदौर एवं जबलपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के प्रजेंटेशन के अलावा हेरिटेज घोषित सदर मंजिल, वोट क्लब तथा जनजाति संग्रहालय का जायजा लिया जाएगा।